Lok Sabha Election/Chunav Results 2019 Vote Counting Date and Time: आम चुनाव के नतीजों के लिए मतगणना शुरू हो गई है। गुरुवार (23 मई, 2019) को मतगणना के बाद साफ हो जाएगा कि इस बार सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा? बता दें कि इस बार डाकपत्र और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए डाले गए वोटों की गिनती एक साथ की जाएगी। वीवीपैट पर्चियों की गिनती की वजह से चुनाव परिणामों में देरी हो सकती है।
बता दें कि आखिरी और सातवें चरण के मतदान के बाद 19 मई की शाम को चुनावी एग्जिट पोल्स जारी हुए थे। ज्यादातर पोल्स में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने के आसार हैं। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि ये पोल्स सही साबित हों, क्योंकि पूर्व में कई बार एग्जिट पोल गलत साबित निकले हैं।
खासकर साल 2004 में कई एग्जिट पोल ने अपने नतीजों में बताया था कि एनडीए सरकार की वापसी होगी। वहीं, साल 2014 में भी एग्जिट पोल ने अंदाजा लगाया था कि इस बार एनडीए काफी मजबूत स्थिति में आएगी।
तमिलनाडु में 38 संसदीय सीटों और 22 विधानसभा सीटों के लिए हुये मतदान के बाद बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे से कड़ी सुरक्षा में वोटों की गिनती जारी है। विधानसभा की 22 रिक्त सीटों पर चुनाव सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी द्रमुक के लिए अहम हैं क्योंकि इससे राज्य की मौजूदा के पलानीस्वामी सरकार के भविष्य का फैसला होना है। राज्य के 45 केंद्रों पर, 17 हजार मतगणना कर्मी और 45 हजार पुलिस कर्मी डयूटी पर लगाये गए हैं। केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बल के करीब 1,520 जवान और राज्य पुलिस के 38,000 कर्मी भी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। कुल 88 मतगणना पर्यवेक्षक गणना प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं।
आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। मतगणना को लेकर कर्मचारी तय स्थल पर पहुंच चुके हैं। सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। मतगणना केंद्र के आसपास सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
23 मई को आठ बजे देश भर के मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होगी। सबसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर यानी कि जिलाधिकारी और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर वोटिंग संबंधी गोपनीयता बरकरार रखने की शपथ लेते हैं। मतगणना के ठीक पहले वे जोर-जोर से बोल कर इस बात की शपथ लेते हैं।
देश की 543 में 542 सीटों पर चुनाव के लिये सात चरण की मतगणना के बाद गुरुवार को मतगणना की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सभी लोकसभा सीटों के लिए बनाये गए मतगणना केन्द्रों पर सुबह आठ बजे से गिनती शुरू हो जाएगी। चुनाव में पहली बार ईवीएम के मतों का सत्यापन करने के लिये वीवीपीएटी की पर्चियों से मिलान किए जाने के कारण चुनाव परिणाम घोषित होने में थोड़ा देरी होने की आशंका से चुनाव आयोग ने इन्कार नहीं किया है।
उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में किसी एक विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं पांच मतदान केन्द्रों की वीवीपीएटी मशीनों की र्पिचयों का मिलान ईवीएम के मतों से किया जायेगा। इस बाध्यता का हवाला देते हुये आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है।
कई विधानसभा चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट का मिलान हो चुका है। लेकिन लोकसभा चुनावों में ऐसा पहली बार हुआ है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें ईवीएम और वीवीपैट के वोटों का मिलान नहीं हो पाया हो। अगर दोनों के वोटों में फर्क पाया जाता है तो वीवीपैट की दोबारा गिनती होगी। फिर भी फर्क पाए जाने पर वीवीपैट की संख्या को ही अंतिम माना जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा तैनात पर्यवेक्षकों के अलावा किसी और को मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती है। मतगणना केंद्र के अंदर सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय सुरक्षा बलों की होती है और बाहर राज्य पुलिस की।
चुनावों की तारीख की घोषणा होने से कम से कम एक हफ्ते पहले मतगणना की तारीख और स्थान तय कर लिए जाते हैं। मतगणना केंद्रों में पहले से तय योजना के मुताबिक मेजें लगाई जाती हैं। हर मेज पर ईवीएम का सील हटाने के लिए कागज की चाकू होती है। एक लाउडस्पीकर होता है जिससे रिजल्ट की घोषणा की जाती है। एक ब्लैकबोर्ड सामने होता है जिस पर मीडिया की सूचना के लिए गिनती के ट्रेंड से संबंधित जानकारी होती है।
मतगणना केंद्र पर चुनाव अधिकारी, मतगणनाकर्मी, प्रत्याशी और उनके एजेंट, ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी और अन्य अधिकारी मौजूद होते हैं। उनकी मौजूदगी में वोटों की गिनती होती है। चुनाव अधिकारी जब पूरी तरह आश्वस्त हो जाते हैं कि वोटों की गिनती सफलतापूर्वक हो गई है तो वह परिणाम घोषित करता है।