राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नामांकन के आखिरी दिन से एक दिन पहले कोटा के पूर्व राजपरिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने में कामयाब रहीं। दरअसल राजपरिवार का कोई भी सदस्य अगर कांग्रेस से जुड़ता है तो वसुंधरा को अच्छा नहीं लगता। बता दें कि वसुंधरी खुद धौलपुर राजपरिवार से हैं।

राजपरिवार का कांग्रेस कनेक्शन
आपको बता दें कि कोटा का राजपरिवार काफी समय से कांग्रेस के साथ जुड़ा था। कोटा के पूर्व महाराज ईज्यराज सिंह भी कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं। वहीं उनके पिता भी कांग्रेस के तरफ से कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन वसुंधरा ने इनकी (ईज्यराज) पत्नी कल्पना सिंह को लाडपुरा विधानसभी से भाजपा का टिकट देकर कांग्रेस के खिलाफ मैदान में खड़ा कर दिया है। बता दें अपनी इस जीत के लिए वसुंधरा खुद कोटा राजपरिवार के निवास सिटी पैलेट पहुंची और वहां तिलक लगाकर ईज्यराज सिंह और उनकी पत्नी कल्पना सिंह को भाजपा की सदस्यता दिलवाई। इस खास अवसर पर कोटा सांसद ओम बिरला भी मौजूर रहे।

वसुंधरा का मन दुखता है
तिलक के बाद वसुंधरा ने कहा- मैं जब भी कोटा राजपरिवार के सदस्यों को कांग्रेस संग देखती थी तो मेरा मन दुखता था। ईज्यराज सिंह को तो मैं अपने बेटे दुष्यंत की तरह मानती हूं और आज कल्पना और ईज्यराज के हमारे परिवार में आने से हमे मजबूती मिली है और हम बहुत खुश हैं।’ बता दें कोटा राजपरिवार के अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा को बी औपाचारिक रूप से भाजपा में शामिल करवाया। ममता शर्मा को भी कल पीपल्दा से टिकट मिला है।

कांग्रेस में लाडपुरा से कल्पना को लड़वाना चाहते थे ईज्यराज
बता दें राहुल गांधी ने जब झालावाड़ से कोटा तक रोड शो किया तब खुद राहुल अपने से आगे ईज्यराज को रखते थे। वहीं ईज्यराज की इच्छा अपनी पत्नी कल्पना को कांग्रेस के लिए लाडपुरा से लड़वाने की थी। हालांकि लाडपुरा की सीट अल्पसंख्यक कोटा के तहत गुड्डू नईम को चली गई। जिससे नाराज होकर ईज्यराज ने कांग्रेस को छोड़ दिया।

 

इसलिए जयपुर की पूर्व राजकुमारी दीया सिंह का कटा टिकट ? 
इस बात की चर्चा जोरो से है कि जयपुर की राजकुमारी दीया सिंह का टिकट वसुंधरा ने सवाई माधोपुर से काट दिया जिसका कारण राजे और दीया के बीच राजमहल होटल की जमीन को लेकर चला काफी लंबा विवाद है। वहीं टिकट कटने पर दीया सिंह ने कहा कि मैं उनसे नाराज नहीं हूं क्योंकि मुझे राजनीति में लेकर आने वाली हीं वसुंधरा थीं और उनके कहने पर ही मैंने चुनाव लड़ा था।