Loksabha Election 2019: अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन के ‘हिंदू आतंकवाद’ पर दिए बयान पर को लेकर बीजेपी नेता अश्विनी अपाध्याय की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (15 मई 2019) को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह अपनी बात रखने के लिए सही मंच पर जाएं।
बेंच में शामिल जस्टिस जी एस सिसतानी और जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि कमल हासन ने यह बयान तमिलनाडु में दिया है ऐसे में याचिकाकर्ता सही मंच पर जाकर अपनी बात रखें। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह इस मामले में बीजेपी नेता की याचिका में की गई मांगों पर संज्ञान लें।
बता दें कि ‘मक्कल नीधि मय्यम’ के अध्यक्ष कमल हसन ने तमिलनाडु में 13 मई को मुस्लिम बहुल इलाके अरावाकुरुची विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे आजाद भारत का पहला हिंदू आतंकी कहा था।
अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा ‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई।’
बीजेपी नेता और वकील उपाध्याय ने अपनी याचिका में उनके इस बयान को चुनावी फायदे के लिए दिया गया बयान कहा है और आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने अपने बयान के जरिए हिंदू समुदाय की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने की कोशिश की है। वह जानबूझकर धर्म के आधार पर अपने बयान के जरिए विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका बयान पूर्णत: निंदनीय है।

