प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क राजस्थान में कांग्रेस मेनिफेस्टो को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा जारी है। अपने भाषण में पीएम ने मेनिफ़ेस्टो पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी देश की महिलाओं के सोने का हिसाब करके उसे बांटना चाहती है। इसके अलावा पीएम ने अपने भाषण कहा–“पहले जब उनकी (कांग्रेस) सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बांटेंगे- जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे, घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंज़ूर है ये?”
अब कांग्रेस ने कहा है कि पीएम मोदी का यह दावा झूठा है और ना तब और ना अब कांग्रेस ने ऐसा कुछ कहा है। कांग्रेस नेता पावन खेड़ा ने कहा–“पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं, बीजेपी हमारे मेनिफेस्टो में एक भी जगह हिन्दू -मुस्लिम दिखा दे।”
क्या कहता है कांग्रेस का घोषणापत्र?
कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति बांटे जाने या पैसा बांटे जाने को लेकर कोई विशेष उल्लेख नहीं दिखाई देता है। घोषणापत्र में यह वादा ज़रूर दिखाई है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो नीतियों में जरूरी बदलाव कर धन और आय की बढ़ती असमानता को बेहतर करेगी। घोषणापत्र का पहला अध्याय जिसका शीर्षक समानता है, इसमें जातिगत भेदभाव की बात की गई और पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात कही गई है।
जहां तक अल्पसंख्यकों का सवाल है। कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखा है–“कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकारी नौकरी, लोक निर्माण अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के उचित अवसर मिले।”
घोषणापत्र में लिखा है कि– ‘सरकारी संस्थानों की स्वतंत्रता ख़त्म हो गई है’ – संवैधानिक निकायों सहित प्रत्येक संस्था को कमजोर कर दिया गया है और, कुछ मामलों में, सरकार के अधीन बनने के लिए मजबूर किया गया है।
पीएम से मिलने का समय मांगा : खड़गे
कांग्रेस के घोषणापत्र पर सियासत के बीच कांग्रेस फैसला किया है कि वो घोषणापत्र की एक कॉपी पीएम मोदी के सैंपेंगे और पार्टी अध्यक्ष ने पीएम से मिलने का समय भी मांगा है।