Lok Sabha Election: लोकसभा इलेक्शन शुरू होने में अब महज तीन ही दिन बचे हैं। चंदन तस्कर और डाकू वीरप्पन की बेटी विद्या रानी भी तमिलनाडु से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। वह कृष्णागिरि लोकसभा सीट से तमिलर काची के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी। पहले तो ऐसे लग रहा था कि वह बीजेपी की टिकट से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। लेकिन उन्होंने मौका देख पाला बदल लिया। अब वह एनटीके की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी।

इस सीटसे विद्या रानी अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत कर रही हैं। लेकिन विद्या रानी काफी समय से एक अलग वजह से सुर्खियों में हैं, वजह हैं उनके पिता। विद्या रानी कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की बेटी हैं। बता दें कि चंदन तस्कर और कुख्यात डाकू वीरप्पन 2004 में तमिलनाडु पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। विद्या रानी ने वीवी पुरम लॉ कॉलेज से पढ़ाई की है। वह पेशे से वकील हैं और एक्टिविस्ट के तौर पर वह आदिवासियों और दलितों के लिए काम करती हैं और वह कृष्णागिरी इलाके में एक स्कूल चलाती हैं।

विद्या रानी की राजनीतिक एंट्री

विद्या रानी ने साल 2020 में भारतीय जनता पार्टी के साथ सियासी सफर की शुरुआत की थी। कुछ ही समय बाद उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष और उसके बाद तमिलनाडु में बीजेपी पिछड़ा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया। हाल ही में वे बीजेपी छोड़कर एनटीके में शामिल हुईं हैं और पार्टी उन्हें कृष्णागिरी से बतौर उम्मीदवार के रूप में उतारा है।

वीरप्पन को मानती हैं अपनी प्रेरणा

वीरप्पन को अपनी प्रेरणा बताने वाली विद्या रानी ने कहा कि उनके पिता लोगों की सेवा करना चाहते थे लेकिन इसके लिए जो तरीका चुना वह सही नहीं था। उन्होंने कहा कि वह लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आई हैं। विद्या ने कहा कि मुझे पार्टी ने भारत के लोगों की सेवा करने का मौका दिया है, जहां मैं कृष्णागिरी के लोगों की आवाज उठाने जा रही हूं। मेरा ध्यान किसानों की भलाई और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करना होगा। लोगों के लिए उनके प्रवक्ता के रूप में काम करूंगी।