भारतीय राजनेता को कभी मजाक करते हुए या फिर खुद का मजाक उड़ाते हुए नहीं देखा जाता। खासकर चुनाव के दौरान तो कतई नहीं। गोर्खा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) नेता नीरज जिम्बा दार्जिलिंग विधानसभा के उप-चुनाव में बीजेपी के चुनाव चिह्न पर लड़ रहे हैं।

इस दौरान वह चुनाव प्रचार के दौरान खुद का मजाक उड़ाते हुए दिख रहे हैं। लेकिन कई लोगों का मानना है कि ऐसा करना उनकी स्मार्ट कैंपेनिंग है जिससे उन्हें चुनाव में फायदा मिल सकता है।

जिम्बा ने अपने फेसबुक पेज पर ‘Don’t vote for chotta, Vote for Mota’ ‘यानि कि छोटा के लिए वोट मत करना, मोटा को वोट देना’ वहीं जीएनएलएफ के आधिकारिक फेसबुक पेज पर ‘Don’t Press NOTA, Vote for MOTA.’ यानि कि नोटा को नहीं मोटा वोट दें।

बता दें कि मोटा नेपाली में एक भारी-भरकम व्यक्ति के लिए कहा जाता है। वहीं छोटा को धोखेबाज व्यक्ति कहा जाता है। जानकारों का मानना है कि जिम्बा की यह रणनीति मतदाताओं के बीच काम कर रही है। खुद का मजाक न बनाना अब पुरानी सोच हो गई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी भी अपने चुनाव प्रचार के दौरान खुद का मजाक बनाते थे। इससे वह मतदाताओं को खुद से जोड़ लेते थे और उन्हें अपने विचारों से प्रभावित करते थे। जिसका उन्हें हमेशा फायदा हुआ।

बता दें कि राज्य में दार्जिलिंग समेत 6 विधानसभा सीटों के लिए 19 मई को मतदान किया जाएगा। वहीं तृणमूल कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार गोजमुमो विनय तमांग अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं।