कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार (25 जनवरी) को एक दिवसीय दौरे पर भुवनेश्वर पहुंचे। वहां उन्होंने एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक पर जोरदार हमला बोला। लगे हाथ राहुल ने वहां के किसानों से कर्जमाफी का वादा किया। राहुल ने कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही दस दिनों के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं ओडिशा की जनता को, ओडिशा के किसानों को कहना चाहता हूं। आप घबराइए मत, दो-तीन महीने हैं। और मेरी बात आप अच्छी तरह से सुन लीजिए। जैसे ही यहां कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी उसके बाद आप दस तक गिनना, ग्यारह नहीं, दस। एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ, दस। दस दिन के अंदर ओडिशा के किसानों का कर्जा माफ करके कांग्रेस पार्टी दे देगी।”

राहुल ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब में कांग्रेस की सरकारें किसानों को सही दाम दे रही हैं। ये आपका हक है; ये कोई तोहफा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओडिशा गरीब प्रदेश नहीं है, लेकिन ओडिशा की जनता गरीब है क्योंकि आपका धन आपसे छीनकर 15-20 सबसे बड़े उद्योगपतियों को दिया जाता है। आपका धन आपको नहीं मिलता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ओडिशा ने हिंदुस्तान को सोचने का नया तरीका दिया है, आप में कोमलता है प्यार की भावना है। ये आपका इतिहास है। बता दें कि इस साल ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधान सभा चुनाव भी होने हैं।

पीएम और सीएम पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, “चौकीदार तो चोर है, मगर ओडिशा में भी चोरी हो रही है। जो यहां आपके सीएम और मंत्रियों ने चिटफंड किया उसके कारण ओडिशा का रिमोट कंट्रोल हिन्दुस्तान के एक भ्रष्ट चौकीदार के हाथ में है। जब वो बटन दबाते हैं तो नवीन पटनायक उठते हैं, बैठते हैं।” इनके अलावा राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगाया कि भाजपा नीत राजग सरकार में हर जगह उसकी छाप दिखाई देती है और यह संगठन देश की सभी संस्थाओं में घुसना एवं उन्हें नियंत्रित करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘आरएसए भाजपा की जननी है। उसे लगता है कि देश में वही एकमात्र संस्था है। वे सभी अन्य संस्थाओं में घुसना चाहते हैं और उन्हें नियंत्रित करना चाहते हैं।’’ राहुल ने कहा कि उसकी मानसिकता के कारण न्यायपालिका और शिक्षा क्षेत्रों समेत देश में हर जगह अराजकता फैल गई है।

रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमें लगता है कि कुछ लोगों के एक समूह या किसी एक विचारधारा को नहीं, बल्कि भारत के 1.2 अरब लोगों को देश चलाना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि अहम संस्थाओं की कार्यप्रणाली के मामले में उनकी पार्टी की सोच सत्तारूढ़ भाजपा से अलग है। उन्होंने कहा, ‘‘अहम संस्थाओं को देश की किस प्रकार सहायता करनी चाहिए, इस बारे में हमारी सोच अलग है। पार्टी विकेंद्रीकरण, संस्थाओं की स्वतंत्रता और संवैधानिक सम्प्रभुता का सम्मान करती है।’’राहुल ने कहा, ‘‘शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर कब्जे एवं एकाधिपत्य को चुनौती दिए जाने की आवश्यकता है।’’ कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मध्यमवर्गीय एक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। स्वास्थ्य सेवा में भी ऐसा ही हाल है। इसे चुनौती दिए जाने की जरूरत है।’’

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)