कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपना घोषणापत्र मंगलवार (2 अप्रैल) को जारी किया। 54 पन्नों के घोषणापत्र से पार्टी में ‘राहुल गांधी युग’ के संकेत मिलते हैं। बुकलेट में अलग-अलग स्थानों, लोगों और व्यक्तियों की 15 तस्वीरें हैं। इनमें से सात तस्वीरों में कांग्रेस अध्यक्ष नजर आते हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की तस्वीरें घोषणापत्र से नदारद हैं। राहुल के अलावा पार्टी के किसी अन्य नेता की फोटो को भी घोषणापत्र में जगह नहीं दी गई है।
पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त किए गए वादों से काफी आगे निकलते हुए कांग्रेस ने 2019 के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में कई बड़ी पहल और कल्याणकारी उपायों का वादा किया है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र का थीम ‘आपकी आवाज हमारा संकल्प’ था जबकि इस बार ‘हम निभाएंगे’ है। कांग्रेस ने पिछले घोषणापत्र में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लाने, प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पारित कराने जैसे आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया था जबकि इस बार न्याय (न्यूनतम आमदनी गारंटी स्कीम) जैसी योजनाओं के साथ गरीब और किसानों को लुभाने के मकसद से कई पहलों का वादा किया है।
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वर्ष 2014 में पार्टी का फोकस सत्ता कायम रखना और संप्रग सरकार की 10 साल की उपलब्धियों पर चर्चा करना था। इसके साथ ही आर्थिक सुधारों के बारे में वादे भी किए गए थे। पिछले चुनाव की तुलना में 2019 में पार्टी ने रोजगार और कृषि संकट जैसे मुद्दों को रेखांकित करके सत्ता में वापसी का लक्ष्य बनाया है, वहीं देशद्रोह कानून खत्म करने और सशस्त्र बल (विशेषाधिकार)कानून में संशोधन सहित विभिन्न कानूनों की गहन समीक्षा की भी बात कही है।
2014 के घोषणापत्र में राष्ट्रवाद का विषय प्रमुखता से छाया था, जब कांग्रेस ने चुनाव को धर्मनिरपेक्ष उदारवादी राष्ट्रवाद बनाम भाजपा के संकीर्ण सांप्रदायिकता के बीच लड़ाई बताया था। इस बार पार्टी कह रही है कि यह आजादी और डर के बीच चयन का मामला है।