कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने चुनाव प्रचार में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
पटेल ने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने राजीव गांधी को अतिरिक्त सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।
पटेल ने ट्वीटर पर लिखा, ‘भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार ने राजीव गांधी को अतिरिक्त सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था और खुफिया सूचनाओं और बार-बार सुरक्षा के आग्रह के बावजूद उन्हें एक पीएसओ के साथ छोड़ दिया गया। राजीव जी उनकी नफरत के कारण अपनी जान गंवा बैठे। वे अपने खिलाफ लग रहे आधारहीन आरोपों का जवाब देने के लिए हम लोगों के बीच नहीं हैं।’
Abusing a martyred Prime Minster is the sign of ultimate cowardice
But who is responsible for his assassination ?
The BJP backed VP Singh govt refused to provide him with additional security & left him with one PSO despite credible intelligence inputs and repeated requests
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) May 9, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का यह बयान दिवंगत प्रधानमंत्री को लेकर कांग्रेस और भाजपा की जुबानी जंग के बीच आया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया था कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब गांधी परिवार ने आईएनएस विराट को ‘प्राइवेट टैक्सी’ के रूप में प्रयोग किया। इससे पहले भी मोदी ने राजीव गांधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर 1’ करार दिया था।
दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके इसका अपमान किया गया। यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गए थे। आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किन्तु इसका रूट बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो छुट्टियां मना रहा था।’
10 दिन तक खड़ा रहने का दावाः उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा।’ मोदी ने सवाल किया था, ‘राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आये थे। सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया?’ मोदी ने कहा, ‘क्या यह कभी कल्पना की जा सकती है कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख युद्धपोत का इस्तेमाल निजी अवकाश के लिए एक टैक्सी की तरह किया जाए ?’
1987 में नौसेना में किया गया था शामिलः विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था। करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया।

