बिहार में विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान में अब सिर्फ एक दिन का समय रह गया है। एनडीए और महागठबंधन में शामिल पार्टियों के अलावा अन्य कई दलों ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। 243 विधानसभा सीटों के लिए भाजपा की तरफ से कुल 650 सभाएं की गईं। इसके लिए पार्टी ने अपने 29 बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने भी खुद को प्रचार में झोंक दिया और कुल 113 सभाओं में हिस्सा लिया। सबसे ज्यादा मेहनत राजद की ओर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने की। उन्होंने अकेले ही पार्टी के लिए 251 सभाओं में हिस्सा लिया।
भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए केंद्र के सभी बड़े नेता: भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में कुल 1000 से भी ज्यादा सभाएं, जनसंवाद और रोड शो किए। इसमें 650 तो सिर्फ सभाएं ही थीं। इसेक लिए पार्टी ने 29 बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा ने कई रैलियों में हिस्सा लिया और एनडीए गठबंधन के लिए वोट मांगे। अकेले पीएम ने तीन चरणों में 12 सभाएं की हैं। वह इस मामले में राहुल गांधी से आगे रहे, जिन्होंने तीन चरणों में सिर्फ आठ रैलियां ही कीं।
तेजस्वी यादव हर दिन औसतन 12 सभाओं में रहे शामिल: राजद प्रमुख तेजस्वी यादव 16 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच 21 दिन में कुल 251 चुनावी सभाओं में शामिल रहे। यानी उन्होंने हर दिन 12 सभाओं में हिस्सा लिया। इनमें 247 सभाएं उन्होंने हवाई मार्ग से जाकर कीं, जबकि 4 रोड शो भी किए। तेजस्वी ने लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं कीं। पार्टी के नेता जगदानंद सिंह उनके साथ 12 रैलियों में शामिल हुए। वहीं तेजप्रताप ने भी कई रैलियों में भाई का साथ दिया।
नीतीश कुमार ने आखिरी चुनाव में की ताबड़तोड़ सभाएं: बिहार में अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे सीएम नीतीश कुमार ने इस बार कुल 113 सभाएं की हैं। इनमें 103 सभाएं उन्होंने इलाकों में जाकर कीं, जबकि 10 सभाओं में वर्चुअल मोड से शामिल हुए। नीतीश ने 7 सितंबर को निश्चय संवाद के जरिए चुनाव अभियान शुरू किया था। 14 अक्टूबर को सीएम ने क्षेत्रों का दौरा शुरू किया था और अपने सुशासन के नारे को बुलंद किया था।
इन नेताओं ने भी प्रचार में झोंकी ताकत: लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के खिलाफ 110 सभाएं और 9 रोड शो में हिस्सा लिया। इसके अलावा रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने 18 दिनों में 147 सभाएं कीं। इसके अलावा 17 से ज्यादा जगहों पर रोड शो में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने 52 सभाएं कीं। पप्पू यादव ने भी राज्य भर में 180 सभाओं में हिस्सा लिया।