देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू जरूर हो गया है, लेकिन इसे लेकर सियासत अभी भी चरम पर चल रही है। आलम ये चल रहा है कि कई तरह के विवादित बयान भी सुनने को मिल रहे हैं। दिल्ली के ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कह दिया था कि देश के संसाधनों पर देश के नागरिकों का ही अधिकार है।

एक बयान में उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने से देश असुरक्षित हो जाएगा, अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी। अन्य देशों के अल्पसंख्यकों पर करदाताओं का पैसा खर्च करना स्वीकार्य नहीं। सीएए के हिस्से के रूप में, पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इन देशों में 2.5 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यक हैं और नागरिकता पाना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा होगा। उनमें से आधे भी भारत आ गए तो हम उन्हें कहां ठहराएंगे? पहले घुसपैठिये हमारी सीमा पार करने से डरते थे, अब वे खुलेआम घुस जायेंगे।

अब सीएम केजरीवाल का ये बयान इस समय चर्चा का विषय बन गया है। पंजाब में तो बीजेपी ने इसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाने का काम कर दिया है। पंजाब बीजेपी के नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के साथ धोखा किया जा रहा है। केजरीवाल ने कल कहा था कि रेफूजी आएंगे और लूट मचाएंगे। ये खुद को गरीबों का मसीहा बताते हैं। ये नहीं भूलना चाहिए कि पंजाबी शरणार्थियों ने दिल्ली के विकास में अहम योगदान दिया है। सिख के अलावा जो दूसरे पंजाबी शरणार्थी आए हैं, उनका भी अहम योगदान है। हमे तो गुरू ग्रंथ साहिब को भी वहां से वापस लाना है, लेकिन केजरीवाल कहते हैं कि ये लोग लोट मचाएंगे। उन्होंने पंजाब और पंजाबियों का अपमान किया है। चुनाव में उन्हें जनता सबक सिखाएगी।

अब जानकारी के लिए बता दें कि सीएए का विपक्ष के साथ आम आदमी पार्टी भी विरोध कर रही है। उसके तर्क अलग हैं, लेकिन बीजेपी ने उसे पंजाबी अस्मिता से जोड़कर माहौल बदलने की कोशिश की है।