Lok sabha election 2019: भाजपा के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अपनी पार्टी को लेकर काफी कुछ कहा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी के साथ अपने रिश्ते के बारे में स्वामी ने बेबाकी से बोला। न्यूज नेशन टीवी चैनल के एक कार्यक्रम में स्वामी ने मोदी को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि, ‘मैं मोदी को कई सालों से जानता हूं। उनकी सरकार की नीतियों पर काफी कुछ मैंने बोला है, इसलिए सरकार को दुख नहीं देना चाहता। वहीं अमित शाह से उनके संबंध पर जब सवाल किया गया तो, भाजपा सांसद ने कहा कि मैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात नहीं करता। उनसे कुछ लेना-देना नहीं मुझे। जब मैं कुछ मांग नहीं सकता और वो कुछ दे नहीं सकते फिर क्या बात करना उनसे।’

डिमोनेटाइजेशन पर बात रखते हुए स्वामी ने जेटली पर काफी प्रहार किया। कहा कि, डिमोनेटाइजेशन के समय काफी बोला। कई नेता बोले जिनपर कार्रवाई हो गई। इनमें रामजेठमलानी से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद जैसे नाम शामिल हैं।’ अरुण जेटली पर आगे प्रहार करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, ‘ जेटली मेरे खिलाफ भी एक्शन लेने को काफी सोचा लेकिन उनकी एक ना चली। यही नहीं स्वीमी ने यहां तक कह दिया कि मैं अरुण जेटली को नेता मानता ही नहीं। बीजेपी का नेता उन्हें तब तो मानें, जब कम से कम एक बार चुनाव तो जीत कर आते। मैं जेटली का ब्लॉग तक नहीं पढ़ता।’ उन्होंने जेटली को कांग्रेस का हितैसी बताते हुए आगे कहा कि, ‘दिवंगत अटल विहारी वाजपेयी और जेटली कांग्रेस के खेमे के नेता रहे हैं। वो तो राहुल से मिले हुए हैं।’

स्वामी ने जेटली को चिदंबरम का दोस्त बताते हुए एक गंभीर आरोप भी लगाया। भाजपा सांसद ने कहा कि जेटली ने चिदंबरम के केस की जांच कर रहे एक अधिकारी राजेश्वर पर कार्रवाई कर दी थी। अधिकारियों की एक मीटिंग के दौरान जेटली ने कहा था कि, ‘चिदंबरम मेरा दोस्त है कोई भी उसका नुकसान करता है तो मैं उसका नुकसान कर दूंगा।’ इस बाबत मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी लेकिन वो भी कुछ नहीं कर सके। जेटली को ताकत तो प्रधानमंत्री से आती है। पब्लिक में तो उनकी ख्याति माइनस में है। बीजेपी में दूसरे नंबर का लोकप्रिय नेता मैं हूं। मैं ब्राह्मण हूं मैं ज्ञान दे सकता हूं क्या करना चाहिए।’