Lok Sabha Election 2019: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट पर चुनाव लड़ने के निर्णय को लेकर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने दावा किया कि राहुल अमेठी में असहज, असुरक्षित और असहाय महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहाज को डूबता देख कैप्टन भाग खड़ा हुआ है और अपने लिए सुरक्षित जगह ढूंढ ली है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि  वायनाड में 51 फीसदी गैर-हिंदू लोग रहते हैं। इस लिए राहुल ने अपने लिए यह सुरक्षित सीट चुनी है। राहुल अमेठी से तीन बार सांसद रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने पटना में कहा कि सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली और राहुल की अमेठी गांधी परिवार अपना मानता है।

लेकिन इस बार राहुल इतना डर गए है कि वे भागकर दक्षिण भारत पहुंच गए हैं। इससे पहले कांग्रेस ने घोषणा की थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव लड़ने के साथ ही केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ेंगे।

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी अपनी छवि हिंदू के रूप में पेश नहीं की है लेकिन वह अब मंदिर जा रहे हैं, अपना जनेऊ दिखा रहे हैं और अपना गोत्र भी बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि असुरक्षित महसूस करने के बाद उन्होंने अचानक अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र से लड़ने का फैसला किया।

रविशंकर प्रसाद से जब साल 2014 में पीएम मोदी के गांधी नगर और वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने के बारे मे सवाल किया गया, इस पर प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी से गुजरात के लोगों ने ऐसा करने का आग्रह किया था।

नरेंद्र मोदी 12 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान दिया था कि दक्षिण भारत की संस्कृतिक परंपरा को सुनिश्चित रखने के लिए केरल के वायनाड से चुनाव लड़ेंगे।

इस पर भाजपा नेता ने कहा कि यह एक ‘भद्दा क्रूर मजाक’ है। कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव, एनटी रामाराव, एमजी रामचंद्रन, जयललिता और देवराज अर्श जैसे अपने व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बुरा व्यवहार किया।

प्रसाद ने कहा, ‘जब आप दक्षिण भारत की सांस्कृतिक परंपरा को सुरक्षित रखने की बात करते हैं तो प्लीज सबरीमाला (मंदिर विवाद) पर आपका क्या रुख है इसके बारे में बताएं। हम जानते हैं कि इस मुद्दे पर हमारा और वामदल का रुख सार्वजनिक है।’

बिहार में महागठबंधन के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कोई महागठबंधन नहीं है। मुझे पूरा यकीन है कि बिहार में भी यह लंबे समय इसका अस्तित्व नहीं रहेगा।