Lok Sabha Election 2019 में बीजेपी के टिकट पर पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ रहीं पूर्व आईपीएस भारती घोष तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को लेकर दिए गए बयान के चलते सुर्खियों में हैं। शनिवार (04 मई) को उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘अगर वोटर्स को धमकी दी गई तो तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके घर से खींचकर बाहर निकाला जाएगा और कुत्तों की तरह पीटा जाएगा।’ रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश से एक हजार युवकों को बुलाने की भी बात कही।

कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की खासी करीबी रहीं घोष का यह बयान घाटल क्षेत्र में प्रचार के दौरान सामने आया। घोष ने हाल ही में पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। घोष के बयान का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। मेदिनीपुर के आनंदपुर गांव में कथित तौर पर दिए गए इस बयान में वे कह रही हैं, ‘वोट कोरते देवे ना? भोय देखाशे? भोय देखाबे ना। बारी ठेके तेने तेने बार कोरे कुकरे मोटों मारबो। उत्तर प्रदेश ठेके हजार चेले धोकाबो। खुजे पावा जाबे ना।’

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घाटल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी घोष स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाए गए धमकी देने के आरोप के बाद पश्चिमी मिदनापुर के आनंदपुर गांव के दौरे पर थीं। जब वे केशपुर ब्लॉक के एक गांव में पहुंचीं तो उनका तृणमूल कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं से सामना हुआ। वहां उन्हें उन कार्यकर्ताओं पर भड़कते हुए भी देखा गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कई कोशिशों के बावजूद घोष से बातचीत नहीं की जा सकी।

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा, ‘क्या चुनाव आयोग की आंखें बंद हैं? भारती घोष लोगों को धमकी दे रही हैं। वो उन्हें मारने की धमकी दे रही हैं। हमने सुना है कि वो उत्तर प्रदेश से गुंडे लाने की बात कह रही हैं। क्या यह एक लोकसभा प्रत्याशी है? वो पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। हम सभी सबूत जुटाएंगे और चुनाव आयोग से बात करेंगे।’

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घाटल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुझे मुंह खोलने पर मजबूर मत कीजिए। आप लोगों के सामने गलत बात कर रहे हैं। अपनी हद पार न करें। आधारभूत शिष्टाचार का ध्यान रखा जाना चाहिए।’ वहीं बीजेपी के राज्य सचिव सायंतन बासु भारती घोष का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा, ‘इसकी शुरुआत टीएमसी की तरफ से की गई थी। उन्हें पहले इस तरह की भाषा का इस्तेमाल बंद करना चाहिए। मैंने घोष का बयान नहीं सुना, लेकिन गुंडों से बात करने के लिए उन्हें गुंडों जैसी ही भाषा का इस्तेमाल करना पड़ेगा।’

सीपीएम नेता सुजान चक्रबर्ती ने कहा, ‘घोष टीएमसी के बेहद करीब थीं, लेकिन बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों की भाषा ऐसी है। बंगाल की जनता देख रही है।’

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