पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है लेकिन वहां से हजारों किलोमीटर दूर तमिलनाडु में बीजेपी के एक सहयोगी दल पट्टाली मक्कल काची (PMK) ने कृषक समुदाय से कृषि उत्पादों पर MSP की कानूनी गारंटी देने का वादा कर दिया है।

PMK ने बुधवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि वह केंद्र की नई सरकार से कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी प्रदान करने के लिए एक कानून बनाने के लिए कहेगा।

पीएमके ने धर्मपुरी सहित 10 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। PMK ने कहा कि वह जाति आधारित जनगणना के लिए प्रयास करेगी और MSP की कानूनी गारंटी को किसानों का अधिकार बनाएगी जिसे एक कानून के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा।

जाति जनगणना का भी किया वादा

पार्टी के संस्थापक नेता एस रामदास द्वारा जारी घोषणापत्र में आश्वासन दिया गया कि PMK पूरे भारत में सभी समुदायों के लिए उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू करने के लिए काम करेगी।

घोषणा पत्र में कृषि क्षेत्र के लिए एक अलग केंद्रीय बजट, कोई काम नहीं होने पर खेतिहर मजदूरों को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता और राशन की दुकानों में पामोलीन तेल की जगह मूंगफली और नारियल का तेल देने जैसे वादों को घोषणापत्र में जगह दी गई है।

PMK ने कहा कि आरक्षण में 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। पीएमके का तमिलनाडु में सबसे पिछड़े समुदाय वन्नियार के बीच काफी दबदबा है। पार्टी ने कहा कि वह सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए काम करेगी।

घोषणापत्र के अन्य वादों में मेकेदातू बांध के निर्माण पर रोक लगाना, परिवार की महिला मुखिया को प्रतिमाह 3000 रुपये की आर्थिक सहायता देना, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को रद्द करना शामिल है। तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को होंगे।