लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी विरोधी खेमा मोर्चेबंदी में लगा हुआ है। बिहार में विपक्षी पार्टियां मिलकर महागठबंधन बनाने की बात कर रही हैं। लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इस दौरान पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तल्ख तेवर दिखाते हुए कहा कि अगर उन्हें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से कम सीटें मिलती हैं तो वो समझौता नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है। जिसमें सभी विकल्पों पर बात की जाएगी।
मांझी बोले कुशवाहा से कम सीट नहीं मंजूर- बता दें कि बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन बनाने की कवायद जोरों पर है। लेकिन सीट बंटवारे के मुद्दे पर पार्टियों में आपसी खींचतान शुरू हो गई है। इस दौरान जीतन राम मांझी ने कहा, ‘कुशवाहा कुछ दिन पहले महागठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम पहले से ही इसमें शामिल है। ऐसे में अगर उनसे कम सीट पर हमको चुनाव लडने के लिए कहा जाएगा तो यह कैसे संभव होगा।’ आगे बोलते हुए मांझी ने कहा यह मुद्दा नहीं कि, हमें एक, दो या दस सीट मिलती है बल्कि हमें कुशवाहा जी से अधिक सीट मिलनी चाहिए। हालांकि उन्होंने एनडीए में शामिल होने के मुद्दे पर कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है।
महागठबंधन से अलग हुए तो क्या होगा विकल्प- बता दें कि मीडिया से बात करते हुए जब मांझी से सवाल पूछा गया कि महागठबंधन से अलग होने पर उनके पास क्या विकल्प होगा तो उन्होंने कहा कि विकल्प पर जो भी बात होगी वह पार्टी के अंदर होगी। मांझी ने बताया कि आगामी 18 फरवरी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है। इस बीच उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति में कुशवाहा की पार्टी से अधिक सीट पाने की बात करेंगे।
गौरतलब है कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी की साझी सरकार चल रही है। इसके अलावा राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा भी केंद्र में बीजेपी की सहयोगी है। इसके मद्देनजर बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए लालू यादव की आरजेडी, कांग्रेस, उपेंद्र कुशवाहा, मांझी की पार्टी समेत दूसरे छोटे दलों ने एक महगठबंधन बनाने की बात की है। लेकिन इनमें सीट बंटवारे के मुद्दे पर अभी तकरार चल रही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

