बिहार में एनडीए बढ़त बनाए हुए हैं और इस बीच विपक्षी दलों ने फिर से ईवीएम को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जिस पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने ही नाराजगी जाहिर की है। कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “चुनाव के जो भी नतीजे हो। अब समय आ गया है कि हम ईवीएम को दोष देना बंद कर दें। मेरे अनुभव में ईवीएम सिस्टम सटीक और विश्वसनीय है।”

कार्ति चिदंबरम ने लिखा कि ईवीएम सिस्टम सटीक और विश्वसनीय है और मेरा नजरिया हमेशा यही रहा है। कई राजनैतिक पार्टी के लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं खासकर तब जब नतीजे उनके पक्ष में नहीं जाते हैं। अभी तक किसी ने भी अपने दावे की वैज्ञानिकता प्रमाणित नहीं की है।

बता दें कि कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने एक ट्वीट में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे। उदित राज ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब मंगल ग्रह और चांद की ओर जाते उपक्रम की दिशा को धरती से नियंत्रित किया जा सकता है तो ईवीएम हैक क्यों नहीं की जा सकती? अपने एक अन्य ट्वीट में उदित राज ने लिखा कि “अमेरिका में अगर ईवीएम से चुनाव होता तो क्या ट्रंप हार सकते थे?”

उदित राज की तरह ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘ईवीएम से से चयनात्मक छेड़छाड़ की जाती है। ऐसी सीटें हैं जो हम किसी भी परिस्थिति में नहीं हारे होंगे लेकिन वहां हम हजारों वोटों से हारे हैं। हम कल एक बैठक करेंगे और परिणामों का विश्लेषण करेंगे।’

उल्लेखनीय है कि भारत में ईवीएम के इस्तेमाल की शुरुआत साल 1982 में केरल विधानसभा चुनाव में हुआ था। उस समय इसे कुछ बूथों पर ही लगाया गया था। इसके बाद 1999 में पहली बार गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान इसका इस्तेमाल हुआ था।