बिहार के विपक्षी महागठबंधन में हाल ही में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश ने करारा झटका दिया है। रालोसपा के उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा को जदयू में शामिल करा लिया है। भगवान सिंह कुशवाहा शुक्रवार (28 दिसंबर) को अपने करीब एक हजार कार्यकर्ताओं के साथ जेडीयू में शामिल हो गए। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में पटना स्थित पार्टी कार्यालय में कुशवाहा जेडीयू शामिल हुए। चर्चा है कि भगवान सिंह कुशवाहा को जेडीयू उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ काराकाट से ही उतारेगी।
इस मौके पर कुशवाहा ने कहा कि वो जब रालोसपा में शामिल हुए थे तभी उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के सामने शर्त रखी थी कि एनडीए की वजह से ही वो रालोसपा में शामिल हो रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि जब उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर यूपीए में चले गए तब उनका रालोसपा में बने रहने का कोई मतलब नहीं था। उन्होंने कहा कि वो तब भी एनडीए में थे और अब भी एनडीए में हैं। बता दें कि भगवान सिंह कुशवाहा तेज तर्रार नेता हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद के टिकट पर आरा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। बाद में वो रालोसपा में चले गए। इससे पहले भी भगवान सिंह कुशवाहा जेडीयू, सीपीआई (एमएल) और पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी में रह चुके हैं।
बता दें कि भगवान सिंह कुशवाहा को तोड़कर नीतीश कुमार ने महीने भर में उपेंद्र कुशवाहा को दोहरा झटका दिया है। इससे पहले रालोसपा के तीन विधायकों (सुधांशु शेखर, ललन पासवान और श्याम सिंह) ने खुलकर एलान कर दिया था कि वे लोग नीतीश कुमार के साथ एनडीए में ही रहेंगे। इधर, भगवान सिंह ने कहा है कि उनके समर्थक नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास की कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘2019 लोकसभा चुनाव एक चुनौती है लेकिन 2020 का बिहार विधान सभा चुनाव बहुत बड़ी चुनौती है। हालांकि, कुशवाहा ने कहा कि हम दोनों (2019 और 2020) चुनाव जीतेंगे।
