बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए और महागठबंधन दोनों की तरफ ही प्रचार अभियान तेज कर दिया गया है। दोनों ही तरफ के सभी बड़े नेता रोजाना रैली कर अपने लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं। करीब एक हफ्ते पहले खुद के कोरोनावायरस से संक्रमित होने का ऐलान करने वाले बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी गुरुवार को एनडीए के लिए चुनाव प्रचार में कूद पड़े। हालांकि, विशेषज्ञों ने रैली में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठा दिए हैं, क्योंकि अभी उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तीन दिन भी नहीं हुए, जबकि नियम कहते हैं कि किसी भी मरीज को डिस्चार्ज होने के बाद 10 दिन तक आइसोलेशन में रहना जरूरी है।

क्या है विवाद? : बता दें कि सुशील कुमार मोदी ने 22 अक्टूबर को ट्वीट कर कहा था कि वे कोरोना से संक्रमित हैं। उन्होंने बताया था कि उनकी स्थिति सामान्य है और वे एम्स में भर्ती हुए हैं। मोदी ने कहा था कि वे जल्द ही अभियान के लिए लौटेंगे। पटना एम्स में इलाज के बाद उन्हें 27 अक्टूबर को छुट्टी मिली थी। अस्पताल की तरफ से उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी गई थी। एम्स डॉक्टरों का कहना है कि सुशील मोदी को आईसीएमआर की गाइडलाइंस के तहत छुट्टी दी गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज में लक्षण रहें या नहीं, उसका 10 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होता है। यानी अगर मरीज में लक्षण नहीं हैं, तब भी उसे 10 दिन घर से बाहर नहीं निकलना होता। आईसीएमआर की ताजा गाइडलाइंस भी रिकवर मरीज को कम से कम 7 दिन तक आइसोलेशन में रखने की बात कहती हैं।

हालांकि, विशेषज्ञों और आईसीएमआर के इन तर्कों को किनारे करते हुए सुशील कुमार मोदी गुरुवार को सीतामढ़ी में एनडीए प्रत्याशी डॉ. मिथिलेश कुमार के पक्ष में रोड शो करते नजर आए, जबकि गाइडलाइंस के मुताबिक उन्हें 6 नवंबर तक घर पर ही रहना था। अपने ट्विटर हैंडल से सुशील मोदी ने जो फोटो डाली हैं, उनमें पार्टी कार्यकर्ता भी बेखौफ नाक से मास्क हटाए दिख रहे हैं।