बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को एनडीए में शामिल होने का न्योता दिया है। मोदी ने सिंह को यह न्योता तब दिया, जब दो दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि सामान्य श्रेणी के गरीब लोगों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर राजद सांसद ने गलती से बिल के विरोध में मतदान किया था। सिंह के इस बयान पर जहां भाजपा समेत तमाम एनडीए के नेताओं ने उन पर सियासी हमले किए वहीं उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद उपाध्यक्ष को एनडीए में ही शामिल होने का न्योता दे दिया। मोदी ने कहा, “उनके जैसे बड़े कद के नेता का राजद में कोई सम्मान नहीं है। केवल एनडीए ही उन्हें वाजिब सम्मान दे सकता है।”

बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह ने बुधवार (16 जनवरी) को डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें इस बावत बताया था कि गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के खिलाफ राजद नहीं है। उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद ने मुझे बताया था कि वे उच्च जातियों में गरीबों के लिए आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। पार्टी ने हमेशा गरीबों के लिए काम किया है। हमारा रुख ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) और दलितों को उनकी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाने के पक्ष में है। संसद में सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षण बिल का समर्थन नहीं किया गया। चूक तो हुई है।”

सुशील मोदी के इस बयान को महागठबंधन खेमे खासकर राजद के अंदर कलह पैदा करने के नजरिए से देखा जा रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एनडीए के घटक दल लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने रघुवंश प्रसाद सिंह पर निशाना साधते हुए पूछा था कि राजद के सवर्ण नेता किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे और उनसे वोट मांगेंगे? इसी बाबत सिंह ने बयान दिया था। रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से सांसद रहे हैं और 2019 में भी वो महागठबंधन की तरफ से सशक्त उम्मीदवार बताए जा रहे हैं। वहां से फिलहास लोजपा के रामा सिंह सांसद हैं। इस लिहाज से रामविलास पासवान ने विरोधी पक्ष के उम्मीदवार पर हमला बोला था। इस विवाद पर अभी तक तेजस्वी यादव की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।