इंडिया गठबंधन की दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में एक विशाल रैली हुई। रैली में केजरीवाल की पत्नी सुनीता दिखाई पड़ीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना आईं और बाकी दिग्गज चेहरे भी साथ में आए। रैली का नाम था लोकतंत्र बचाओ, एकजुट होने का कारण था केजरीवाल की गिरफ्तारी। यानी कि साथ आने की वजह इस बार अरविंद केजरीवाल, पीएम मोदी पर हमला करने का कारण अरविंद केजरीवाल और सियासी एजेंडा सेट करने के केंद्र में भी अरविंद केजरीवाल।

आम आदमी पार्टी शुरुआत से चाहती है कि अरविंद केजरीवाल को इंडिया गठबंधन अपना नेता स्वीकार कर ले। लेकिन शुरुआत से ही ये भी देखा गया कि सबसे कम तवज्जो आम आदमी पार्टी को ही मिली। पहले सीट शेयरिंग के समय तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसके ऊपर कई मुद्दों पर भी वो समर्थन पार्टी को हासिल नहीं हुआ जिसकी उसने उम्मीद की। लेकिन अब जब अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं, इंडिया गठबंधन एकजुट भी दिख रहा है और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सबसे बड़ा सियासी दांव भी चल दिया है।

इस समय सुनीता केजरीवाल की राजनीति का आधार भी उनके पति अरविंद केजरीवाल ही हैं। उनका दावा है कि वे जो भी बोल रही हैं, वो सब खुद केजरीवाल उन्हें जेल से बता रहे हैं, यानी कि शब्द सीएम के हैं, बस जरिया वे बन रही हैं। अब उसी जरिया ने इंडिया गठबंधन के सामने एक नए चेहरे का रास्ता खोल दिया है। असल में दिल्ली के रामलीला मैदान में जब रैली की गई, सुनीता केजरीवाल ने अपने ही पति अरविंद केजरीवाल की एक चिट्ठी पढ़ी। उस चिट्ठी के जरिए 6 गारंटियों का ऐलान किया।

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पहली गारंटी- सभी को 24 घंटे बिजली, दूसरी गारंटी- गरीबों को मुफ्त बिजली…. तीसरी गारंटी- सभी को मुफ्त इलाज, चौथी गारंटी- हर जिले में मोहल्ला क्लीनिक, पांचवी गारंटी- पूरे देश में अच्छे सरकारी स्कूल….छठी गारंटी- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा। अब केजरीवाल की 6 गारंटियां नई बात नहीं हैं….कई सालों से इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द आम आदमी पार्टी की राजनीति रही है….नई बात तो सुनीता केजरीवाल का अंदाज है… 6 गारंटियों का ऐलान तो किया… साथ में इंडिया वालों से माफी भी मांग ली।

केजरीवाल की तरफ से सुनीता ने बोल दिया- मैं जेल में हूं.. इसलिए इन गारंटियों को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं से बात नहीं कर पाया… उन्हें बिना बताए ही ऐलान कर दिया… उम्मीद करता हूं कि इन गारंटियों से आप सभी सहमत होंगे… अब शब्द केजरीवाल के… जुबान पत्नी सुनीता की और बस ताली बजाने को मजबूर दिखे इंडिया वाले। अब जिस अंदाज में सुनीता केजरीवाल ने ये सब किया, इंडिया गठबंधन के नेता ना उस एजेंडे को नकार सके, ना खारिज कर सके, उन्हें तो बस मौन सहमति जतानी पड़ी, कहना चाहिए केजरीवाल के एजेंडे से सहमत होना पड़ा।

अगर दूसरे शब्दों में बोलें तो जो काम आजाद केजरीवाल नहीं कर पा रहे थे, कैदी केजरीवाल ने वो कर दिया। ऐसा नेरेटिव सेट किया कि पूरा इंडिया उसे मानने को मजबूर दिखा। इस समय जेल से आदेश जारी कर केजरीवाल ने पूरे इंडिया को उनके पक्ष में एकजुट कर दिया, जो कांग्रेस कुछ दिन पहले तक दिल्ली-पंजाब में आम आदमी पार्टी को भाव तक देने को तैयार नहीं थी, वो आज उस मंच पर साथ खड़ी है जहां केजरीवाल जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। जहां हर कोई केजरीवाल के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहा है। ये बदला नेरेटिव बता रहा है, इंडिया खेमे से एक नया नेता उभर रहा है…. नाम अरविंद केजरीवाल।

आम आदमी पार्टी तो शुरुआत से कह रही है, मोदी से अगर कोई टक्कर ले सकता है तो सिर्फ अरविंद केजरीवाल, मोदी को अगर कोई हरा सकता है तो सिर्फ अरविंद केजरीवाल। अब एक गिरफ्तारी ने आम आदमी पार्टी के लिए उस नेरेटिव को और ज्यादा मजबूत कर दिया है। हर नेता बोल रहा है- मोदी डर गए, बीजेपी हताश है और केजरीवाल को जेल में इसलिए डाला गया है। अब आम आदमी पार्टी को तो अपना मुद्दा मिल गया है, उसने तो अपनी पिच तैयार कर ली है, सवाल बस इतना- क्या इंडिया गठबंधन भी केजरीवाल की पिच पर, केजरीवाल की अगुवाई में खेलने को तैयार होगा?