लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे पर बातचीत अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि 3 फरवरी (रविवार) को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली होने के बाद सीटों के तालमेल पर जल्द निर्णय हो जाएगा। पार्टी ने गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष की ”जन आकांक्षा रैली” के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और महागठबंधन के दूसरे प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया है। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव में बिहार की कुल 40 सीटों में से 20 पर राजद, 10 पर कांग्रेस लड़ेगी। शेष 10 सीटें महागठबंधन में शामिल अन्य दलों जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी सहित शरद यादव व अन्य को दी जाएगी।
दरअसल, अभी महागठबंधन में अभी सात पार्टियां राजद, कांग्रेस, हम, रालोसपा, लोजद, वीआईपी और वाम दल (सीपीआई और माले) शामिल है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि राजद 20, कांग्रेस 10, हम (से.) 2, रालोसपा 3, लोजद 2 व वामदल 2 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। शरद यादव और उपेंद्र कुशवाहा एक ही चिन्ह पर चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि ‘हम’ तीन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसमें एक गया सीट से खुद पार्टी अध्यक्ष जीतनराम मांझी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, महाराजगंज से महाचंद्र प्रसाद सिंह और मुंगेर से वृशिन पटेल चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि, पार्टी को सिर्फ 2 ही सीट मिलने की उम्मीद है।
वामदल 4 सीटों की मांग कर रहे हैं। वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी दो सीटों की मांग की है। जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और राजद से निष्काषित सांसद पप्पू यादव को भी महागठबंधन में जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। तेजस्वी यादव की बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी एक सीट से बसपा प्रत्याशी को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। फिलहाल सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं और चर्चाओं का बाजार गर्म है। 3 फरवरी को राहुल गांधी की रैली के बाद सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
