मध्यप्रदेश के हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र से एक रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। जहां पर 2008 में चुनाव लड़ चुके नेताओं के बेटे इस बार आमने सामने होंगे। दरअसल 2008 विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक राजेन्द्रसिंह बघेल को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था तो कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता नारायण सिंह चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस लड़ाई के बीच भाजपा यहां चुनाव जीत गई थी। दस साल बाद अब हालात फिर से ऐसे ही हैं लेकिन इस बार दोनों के बेटे मनोज चौधरी-राजवीरसिंह बघेल आमने- सामने हैं।

गौरतलब है कि 2008 में बागली विधानसभा आरक्षित होने के बाद विधायक दीपक जोशी को भाजपा ने हाटपीपल्या से मैदान में उतारा था। तब कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक राजेंन्द्रसिंह बघेल को अपना प्रत्याशी बनाया था। बता दें कि उस वक्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण सिंह चौधरी ने भी दावेदारी की थी लेकिन कांग्रेस से उन्हें टिकट नहीं मिला। जिस वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। हालांकि उस मुकाबले में भाजपा 220 वोटों से जीत गई थी। भाजपा-कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर नारायण थे।

2008 के बाद अब 2018 में फिर से वही माहौल है। हालांकि इस बार 2008 में कांग्रेस से बागी हुए चौधरी के बेटे को मनोज को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। जबकि बघेल के बेटे राजवीरसिंह बघेल ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। गौरतलब है कि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख कल (15 नवंबर) है और अगर राजवीरसिंह अपना नाम वापस नहीं लेते तो मामला 2008 जैसा ही दिलचस्प हो जाएगा।


2008 हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड
  • भाजपा से दीपक जोशी – 35405 वोट
  • कांग्रेस से राजेन्द्रसिंह बघेल – 35185
  • नारायणसिंह चौधरी (निर्दलीय) – 21161
  • अशोक पटेल (निर्दलीय) – 6011
  • बसपा से चौधरी वृंदावन – 4731
  • ज्ञानसिंह (निर्दलीय) – 2011