राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस ने मंथन तो पूरा कर लिया है पर भाजपा की पहली सूची आने के बाद उसने अपनी रणनीति बदल ली है। कांग्रेस अब नये सिरे से उम्मीदवारों को लेकर माथापच्ची कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 26 मार्च को प्रदेश दौरे के बाद पार्टी उम्मीदवारों का एलान करेगी। उम्मीदवारों की घोषणा में देरी से कांग्रेस प्रचार अभियान में भाजपा से पिछड़ रही है।
राज्य में भाजपा ने अपनी पहली सूची में 16 उम्मीदवारों की घोषणा कर कांग्रेस से बाजी मार ली है। भाजपा के घोषित उम्मीदवारों ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है। प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आई कांग्रेस उम्मीदवार चयन के मामले में संभल कर कदम उठाना चाहती है। इसलिए उसकी निगाहें पूरी तरह से भाजपा की सूची पर टिक गई हैं। भाजपा ने अब जब 16 सीटों के उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं तो कांग्रेस को अपने तय नामों में बदलाव करना पड़ रहा है।
कांगे्रस आलाकमान प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कराना चाहता है। इसके बाद से ही प्रदेश के बड़े नेताओं जिनमें राज्य के आधा दर्जन मंत्री भी हैं, पर चुनाव लड़ने का दबाव बढ़ गया है। प्रदेश के मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ने से बचना चाहते हैं। कांग्रेस को जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, कोटा, झालावाड़, चित्तौड़, राजसमंद, नागौर, टोंक-सवाई माधोपुर जैसी सीटों पर दमदार उम्मीदवारों की तलाश है। इन सीटों पर मंत्रियों और मौजूदा विधायकों को लड़ाने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश में बहुमत के किनारे पर सत्ता में बैठी कांग्रेस ने अब 13 निर्दलीय विधायकों को पार्टी में शामिल करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रदेश दौरे के दौरान इन निर्दलीय विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। इसके बाद कांग्रेस को प्रदेश में बहुमत का टोटा नहीं रहेगा और मंत्रियों और विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने पर भी आलाकमान की मोहर लग जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे का कहना है कि पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा जल्द करेगी। पार्टी नेताओं ने इस बारे में अपना मंथन पूरा कर लिया है। सभी सीटों को लेकर स्थानीय से लेकर प्रदेश नेताओं के बीच एकराय बन गई है। पार्टी की छानबीन समिति ने ज्यादातर सीटों पर एक नाम के पैनल तैयार किए हैं और कुछ सीटों पर दो से भी ज्यादा नाम रखे गए हैं। प्रदेश में निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाने का जिम्मा भी पांडे ने संभाल लिया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बाड़मेर सीट से उम्मीदवार बनने की इच्छा जताई है।
पार्टी इस सीट से विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को टिकट देने का मन बना चुकी है। कांग्रेस अजमेर से चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, जयपुर ग्रामीण से कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, जयपुर शहर से हवामहल विधायक और सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को मैदान में उतारना चाहती है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का कहना है कि पार्टी जो भी आदेश देगी वे मानेंगे। कटारिया पूर्व में भी जयपुर ग्रामीण से सांसद रह चुके हैं और मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं। इसी तरह से जयपुर शहर के हवामहल विधायक महेश जोशी का कहना है कि वे पूर्व में भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं। इस बार पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वे निश्चित ही कार्यकर्ताओं के बलबूते मैदान में उतरेंगे। जोशी का कहना है कि पार्टी का कोई भी बड़ा नेता जिनमें मंत्री और विधायक भी शामिल है आलाकमान के फैसले के साथ हैं।