देश के करीब 400 साहित्यकार मोदी सरकार के समर्थन में आ गए हैं। साहित्यकारों ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार का समर्थन किया और देश की जनता से भी सरकार के लिए समर्थन मांगा। शनिवार को दिल्ली में भारतीय साहित्यकार संगठन के बैनर तले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय साहित्यतकार संगठन के अध्यक्ष दयाप्रकाश सिन्हा और महामंत्री प्रोफेसर कुमुद शर्मा ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी साहित्यकार देशवासियों से अपील करते हैं कि आप अपना बहुमूल्य वोट देश की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान, विकास को बनाए रखने के लिए दें।
मोदी सरकार को समर्थन देने वाले साहित्यकार नरेंद्र कोहली ने कहा कि लेखक स्वतंत्र होता है, लेकिन हमारे विरोधी इकट्ठा हो रहे हैं, जो कहते हैं कि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, लेकिन सच यह है कि जितनी अभिव्यक्ति की आजादी यहां है, उतनी कहीं नहीं है। नवभारत टाइम्स की एक खबर के अनुसार, सरकार को समर्थन दे रहे साहित्यकार सूर्यकांत बाली ने पिछले 3-4 दिनों में घटी घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि एक नेता द्वारा जयाप्रदा का अपमान किया गया, प्रियंका चतुर्वेदी का अपमान हुआ और प्रज्ञा ठाकुर के बयान सामने आए, जो कि रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। शनिवार को एक वेबसाइट की शुरुआत हुई। इस वेबसाइट में 400 से अधिक साहित्यकारों के नामों का जिक्र है, जिन्होंने मोदी सरकार का समर्थन किया है।
गौरतलब है कि बीते माह फिल्म इंडस्ट्री के 100 से ज्यादा लोगों ने आम चुनावों में जनता से अपील की थी कि वह मोदी सरकार को वोट ना दें। इन लोगों ने भाजपा का बहिष्कार करते हुए लोगों से देश के संविधान को बचाने की अपील की। इस अपील में फिल्म इंडस्ट्री के 103 लोगों ने हस्ताक्षर किए। इन लोगों में वेटरी मारन, आनंद पटवर्धन, सनकालकुमार, शशीधरन, सुदेवन, दीपा धनराज, गुरविंदर सिंह समेत कई लोग शामिल थे। अपनी अपील में इन लोगों ने कहा कि देश के हालात ठीक नहीं है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए इन्होंने कहा कि ध्रुवीकरण और घृणा की राजनीति में बेपरवाह, गोरक्षा, दलितों मुसलमानों और किसानों को हाशिए पर जाना और सेंसरशिप का बढ़ना जैसे मुद्दे हैं, जिनसे देश टूट रहा है।

