Muzaffarnagar UP Lok Sabha Election Results 2019 Updates: Election Commission की आधिकारिक वेबसाइट्स eciresults.nic.in या ceouttarpradesh.nic.in के मुताबिक अजित सिंह और संजीव बालियान के बीच कांटे की टक्कर हुई। इस सीट से संजीव बालियान ने जीत दर्ज की। बता दें कि साल 2013 में हुए दंगों के बाद मुजफ्फरनगर हॉट सीट बन गई। उन दंगों से चर्चा में आए संजीव बालियान 2014 में यहां से सांसद बने और 2019 में भी ताल ठोंक रहे हैं। उनका सीधा मुकाबला सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन प्रत्याशी अजित सिंह से हुआ। अजित सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के इकलौते बेटे हैं। वहीं मुजफ्फजनगर में साल 2014 में चुनाव जीते सांसद संजीव बालियान 2014 से 2017 तक केंद्र सरकार में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्यमंत्री रह चुके हैं।आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह और भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान दोनों ही जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं।
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मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर 2014 में 69.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। इनमें से 59 प्रतिशत यानी कि 653391 वोट संजीव बालियान को मिले थे। वहीं, बीएसपी के कादिर राणा ने 22.8 प्रतिशत 252241 मत हासिल किए थे।
Lok Sabha Election Results 2019 Check Here
उत्तर प्रदेश की हॉट सीट माने जाने वाली मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा प्रत्याशाी संजीव बालियान ने जीत दर्ज की।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान और आरएलडी प्रत्याशी अजित सिंह के बीच 3782 वोटों का अंतर चल रहा है।
गुरुवार रात करीब 11 बजे इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर संजीव बालियान की बढ़त 6526 वोट दिखाई गई, जो शुक्रवार सुबह 7 बजे तक बरकरार है। सूत्र संजीव बालियान की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर अपनी मुहर अब तक नहीं लगाई है।
उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान और आरएलडी उम्मीदवार अजित सिंह के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। संजीव बालियान इस वक्त महज 6500 वोट से आगे चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की अहम सीट मानी जाने वाली मुजफ्फरनगर सीट पर नोटा पर 5061 वोट पड़े हैं। वहीं इस सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे संजीव बालियान 569535 मतों के साथ आगे चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की अहम सीटों में गिनी जानी वाली मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान 3782 वोटों से आरएलडी नेता अजित सिंह से आगे चल रहे हैं।
मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान आरएलडी प्रत्याशी अजित सिंह से 1990 वोट से आगे चल रहे हैं।
साल 2014 के लोकसभा चुनावों के परिणाम में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार संजीव कुमार बालियान ने बसपा के कादिर राणा को करीब 4 लाख वोटों से पटखनी दी थी। वहीं साल 2019 में वे आरएलडी उम्मीदवार अजित सिंह से वोटों की गिनती में आगे चल रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रत्याशी चौधरी अजित सिंह इस समय भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान से 21615 वोटों से पीछे चल रहे हैं।
इस समय भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान 512722 वोटों के साथ आगे बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे और आरएलडी उम्मीदवार अजित सिंह 470662 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की हॉटसीट कही जाने वाली मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान आरएलडी के अजित सिंह से 17801 सीटों से आगे चल रहे हैं।
मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा के उम्मीदवार संजीव बालियान 430003 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं। वहीं आरएलडी प्रमुख 412202 वोटों के साथ उनसे पीछे चल रहे हैं।
इस समय मुजफ्फरनगर सीट से 397948 वोटों के साथ भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान आगे चल रहे हैं। वहीं आरएलडी प्रत्याशी अजित सिंह 373222 वोटों के साथ पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
अजित सिंह साल 1999 में बनी राष्ट्रीय लोकदल (आएलडी) के संस्थापक हैं। वे 7 बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं।
देश में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में से मुजफ्फरनगर सीट पर कांग्रेस 7 बार और भाजपा 4 बार कब्जा जमाने में कामयाब रही है। वहीं आरएलडी इस सीट पर आज तक अपना खाता भी नहीं खोल सकी है।
उत्तर प्रदेश के 'जाटलैंड' से मशहूर मुजफ्फरनगर में चीनी की 8 मिले हैं। मुजफ्फरनगर की 40 फीसदी आबादी खेती-किसानी का काम करती है।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भाजपा और महागठबंधन के बीच महामुकाबला है। यही नहीं यह शहर उत्तर प्रदेश के सबसे समृद्ध शहरों में एक माना जाता है।
आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह और भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान दोनों ही जाट बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। अजित सिंह को सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन प्राप्त है। वहीं कांग्रेस ने भी इस सीट से अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है।
मुजफ्फरनगर को पश्चिमी यूपी की हॉट सीट माना जाता है। इस समय आरएलडी उम्मीदवार अजित सिंह चुनावी मतगणना में आगे चल रहे हैं। वहीं संजीव बालियान उन्हें कांटे की टक्कर देते नजर आ रहे हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजित सिंह बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे रहे हैं। संजीव बालियान भाजपा की ओर से मुजफ्फरनगर सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं।
उत्तर प्रदेश की अहम सीटों में गिनी जाने वाली मुजफ्फरनगर सीट पर 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस सीट पर इस समय आरएलडी प्रत्याशी अजित सिंह और भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह मुजफ्फरनगर में 1971 में अपने पहले लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाए थे। इस हार के 48 साल बाद अब उनके उनके बेटे और छोटे चौधरी के नाम से मशहूर चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं।
संजीव बालियान ने साल 2013 में काफी सुर्खियां बटोरीं थीं। उन पर आरोप था कि सितंबर 2013 में उन्होंने एक महापंचायत की थी, जिसके कारण इलाके में माहौल बिगड़ गया था। बता दें संजीव बालियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े जाट नेता हैं।
अजित सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव में बागपत लोकसभा सीट से चुनाव में ना उतरने का फैसला करते हुए मुजफ्फरनगर सीट को चुना। बता दें ये पहला मौका है जब अजित सिंह बागपत के अलावा किसी दूसरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के इकलौते बेटे चौधरी अजित सिंह को राजनीति विरासत में मिली है। चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री रहे चुके हैं। उनके बीमार होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को लोक दल की जिम्मेदारी सौंप दी।
मुजफ्फरनगर गन्ना, गुड़, पेपर, स्टील उद्योगों व किसान आंदोलनों के लिए लोकप्रिय रहा है। हालांकि साल 2013 में हुए दंगों के बाद मुजफ्फरनगर की पहचान बदल गई। दंगों की वजह से साल 2014 में ऐसा ध्रुवीकरण हुआ कि परिणाम भाजपा के पक्ष में एकतरफा रहा। यहां बालियान 59 फीसदी वोट से जीते थे।
मुजफ्फरनगर में साल 2014 में चुनाव जीते सांसद संजीव बालियान 2014 से 2017 तक केंद्र सरकार में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय में राज्यमंत्री रह चुके हैं। बताते चलें कि संजीव बालियान साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी भी हैं।
शुरुआती रूझान के मुताबिक मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा के संजीव बालियान आगे चल रहे हैं। वहीं आरएलडी के अजित सिंह पीछे चल रहे हैं।
मुजफ्फरनगर सीट से साल 1971 में चौधरी चरण सिंह ने अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह वामपंथी दल सीपीआई ( कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया) के ठा. विजयपाल सिंह से चुनाव हार गए थे। इसके बाद मुजफ्फरनगर सीट से साल 1989 में मुफ्ती मोहम्मद सईद ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। वहां जीत दर्ज करने के बाद वीपी सिंह मंत्रिमंडल में वे देश के गृहमंत्री बने थे। पिछले सात चुनावों में भाजपा 1991, 1996, 1998, 2014 में चार बार विजयी रही है जबकि1999, 2004, 2009 में लगातार तीन बार भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है।
उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर मतगणना शुरू हो चुकी है। यहां 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा गया है।
17वीं लोकसभा चुनाव के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस सीट पर आरएलडी (राष्ट्रीय लोक दल) और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभाएं आती हैं। इनमें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, सरधना की सीटें शामिल है। इस समय ये पांचों ही सीटें भाजपा के खाते में हैं। इनमें सरधना सीट से ठाकुर संगीत सोम विधायक हैं। बता दें संगीत सोम अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर 69.42 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं साल 2009 में यहां पर 54.37 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस सीट पर 97,119 नए वोटर्स जुडे़ हैं। मुजफ्फरनगर में 39.93 फीसदी मुस्लिम लोगों की आबादी है।
भाजपा उम्मीदवार संजीव बालियान के पास पिछड़ी जातियां, सवर्णों के साथ-साथ जाट वोटों की भी ताकत है। दूसरी ओर चौधरी अजित सिंह के पास गठबंधन की ताकत है। दोनों ही ओर से जाट उम्मीदवार होने के कारण जाट बिरादरी दुविधा में पड़ गई है। किसी इलाके में जाट बिरादरी अजित सिंह के पक्ष में तो कहीं संजीव बालियान के पक्ष में खड़ी है।
वर्तमान में मुजफ्फरनगर सीट से भाजपा के सांसद संजीव बालियान हैं। वह केंद्र में मोदी सरकार में करीब तीन साल तक राज्यमंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं।