2019 लोकसभा चुनाव में चौथे चरण के तहत मतदान हो चुके हैं और 6 मई को पांचवे चरण के तहत वोटिंग होगी। पांचवे चरण में कुल 7016 उम्मीदवार मैदान में है जिनमें से 617 महिलाएं हैं। वहीं इन 617 महिलाओं में से 200 महिलाएं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। वहीं आकड़ों पर ध्यान दें तो पता लगता है कि लोकसभा पहुंचने में महिलाएं काफी पीछे हैं। ये संख्या अभी तक सिर्फ 4 पर है, यानी सिर्फ 4 महिलाएं निर्दलीय जीती हैं। इन चार महिलाओं में दो बार मेनका गांधी का नाम शामिल है। वहीं उसके बाद महिला प्रत्याशी को निर्दलीय जीतने में 46 साल लग गए। गौरतलब है कि जो तीन महिलाएं अभी तक निर्दलीय लोकसभा पहुंची हैं उनके नाम मेनका गांधी, एनी मस्कारीन और राजमाता कमलेंदुमति हैं।
दो बार जीतीं मेनका गांधी: बता दें कि 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव मे दो महिलाएं कुमारी एनी मस्कारीन और राजमाता कमलेंदुमित शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। वहीं इसके बाद मेनका गांधी ने 1998-1999 में दो बार निर्दलीय चुनाव जीता था।
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एनी मस्कारीन: बता दें कि एनी देश के पहले चुनाव में त्रावणकोर-कोचीन राज्य की त्रिवेंद्रम से निर्दलीय जीती थीं। उन्होंने मुख्यमंत्री और सोशलिस्ट पार्टी के टी के नारायण पिल्लई को 68,117 वोटों से हराया था। एनी को 1,16,617 व पिल्लई को 48,500 वोट मिले थे।
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राजमाता कमलेंदुमित शाह: एनी मस्कारीन के अलावा पहले चुनाव में ही टिहरी राज परिवार की कमलेंदुमति भी निर्दलीय जीती थीं। उन्होंने कांग्रेस के कृष्ण सिंह को 13,982 वोटों से हराया था। इन्हें 68,811 जबकि कृष्ण सिंह को 54,829 वोट मिले थे। 1957 में उनके बेटे मानवेंद्र शाह कांग्रेस से जीते थे। 2014 में परिवार की माला राज्यलक्ष्मी शाह भाजपा से जीती थीं।
मेनका गांधी: पीलीभीत से लगातार दो बार मेनका गांधी निर्दलीय लोकसभा पहुंची थीं। उन्होंने बसपा के अनीस खान को 1998 में 2 लाख और 1999 में 2.39 लाख वोटों से हराया। मेनका 1989 और 1996 में जनता दल से जीती थीं। वहीं 2004 से वे भाजपा से जीत रही हैं। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर कि रिपोर्ट के मुताबिक मेनका के निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद से कोई भी निर्दलीय महिला उम्मीदवार के तौर पर चुनाव नहीं जीत सकी हैं। हालांकि करीब 165 महिलाएं अलग अलग दलों से लोकसभा पहुंच चुकी हैं। वहीं पिछले तीन चुनावों में 528 महिलाएं निर्दलीय लड़ी हैं लेकिन एक को भी जीत नहीं मिली। इसके साथ ही बात अगर 2019 के लोकसभा चुनावों की करें तो भाजपा ने 52, कांग्रेस ने 48, बसपा ने 24, टीएमसी ने 17 व बीजेडी ने 7 महिलाओं को मैदान में उतारा है।
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