हमारे देश में लंबे समय से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या पर बहस छिड़ती आई है। एक विचारधारा ऐसी है जो गांधी जी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सही मानती है। अक्सर लोगों के आदर्श और रोल मॉडल कहलाने वाली शख्सियतों से ये सवाल किया जाता रहा है कि वो गांधी जी की हत्या को लेकर क्या सोचते हैं? ये सवाल जब डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) से पूछा गया तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से इसका जवाब दिया। विकास दीव्यकीर्ति अब सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि युवाओं की सोच बन चुके हैं। उनकी सोच और उनकी बातें करोड़ों युवाओं तक पहुंचती है और युवा उसे फॉलो भी करते हैं इसलिए उन्होंने इस सवाल का जवाब खुलकर दिया।
एक इंटरव्यू में विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि गांधी जी का विरोध इस देश में शुरू से था, गोडसे जी का भी गांधी जी का विरोध करते थे ये उनकी सोच थी, उनको पूरा हक था विरोध करने का, उनकी विचारधारा अलग थी, उनको अपनी बात रखने का भी पूरा हक था, लेकिन किसी की हत्या करके अपनी बात रखना और वो भी महात्मा गांधी की हत्या करके बात रखना मैं तो जीते जी कभी नहीं मान पाऊंगा कि महात्मा गांधी की हत्या अच्छा काम था। सवाल ही पैदा नहीं होता।
विकास दिव्यकीर्ति ने आगे कहा, “विरोध करने का हक था। सबको है, मुझे भी है और आपको भी है, लेकिन हत्या कर देना यह बिल्कुल भी सही नहीं हो सकता।” उन्होंने आगे कहा कि एक समाज में हर तरह के लोग होते हैं और हर तरह की विचारधारा होती है। हमारे देश में हर किसी को अच्छी पढ़ाई-लिखाई नहीं मिलती और जो पढ़-लिख नहीं पाते वह वॉट्सएप को ही यूनिवर्सिटी मानते हैं और उसी यूनिवर्सिटी पर ऐसे वीडियो आ जाए कि गोडसे ने गांधी को मारकर अच्छा किया तो वह इंसान तो उसी को मानकर आगे बढ़ जाएगा। इसमें उसकी कोई गलती नहीं है।
नाथूराम गोडसे ने की थी गांधी जी की हत्या
बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को राजधानी दिल्ली के बिड़ला भवन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नाथूराम गोडसे को लेकर यही कहा जाता है कि वह गांधी जी की विचारधारा से सहमत नहीं थे। हालांकि गांधी जी की हत्या के बाद भी देश में एक विचारधारा ऐसी है जो उनकी हत्या को सही मानती है। गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा और मंदिर बनाने जैसी घटनाएं इसका सबूत हैं।
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