Uttar Pradesh Assistant Teacher Recruitment 2018: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हुई 65 हजार शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में गड़गड़ी का मामला सामने आया है। जिसके चलते शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एग्जामिनेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी, इलाहाबाद के सचिव सुत्ता सिंह को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है और मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा और रजिस्ट्रार, विभागीय परीक्षाएं जीवेंद्र सिंह ऐरी को भी उनके पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री ने परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए शुगर इंडस्ट्री एंड गन्ना विकास विभाग के मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक वेदपति मिश्रा और बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह को भी शामिल किया गया है।

बता दें कि सरकार ने यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा परीक्षा में गड़बड़ी के मुद्दे पर नोटिस लेने के बाद उठाया है। दरअसल परीक्षा में गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ, जब एक परीक्षार्थी सोनिका देवी ने अगस्त में हाईकोर्ट में यह दावा किया कि उसका रिजल्ट उसकी गणना के हिसाब से ठीक नहीं आया है। इसके बाद 31 अगस्त को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोनिका देवी के दावे की पुष्टि करने के लिए उनकी उत्तर पुस्तिका जांची, जिसमें सोनिका देवी की उत्तर पुस्तिका के बारकोड को मैच कर इस बात का पता लगाया कि उत्तर पुस्तिका जांच के समय उत्तर पुस्तिका को बदल दिया गया था। इस तरह कोर्ट ने माना कि 23 अभ्यर्थियों गलत तरीके से पास कर दिया गया था। फिलहाल कोर्ट ने उन 23 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर स्टे लगा दिया है।

मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार का कहना है कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को सूचित किया है कि सरकार इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करेगी। फिलहाल सरकार ने एग्जामिनेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी, इलाहाबाद सचिव के पद पर मेरठ के संयुक्त शिक्षा निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी को नियुक्त कर दिया है।

साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में अपर शिक्षा निदेशक रूबी सिंह को बेसिक शिक्षा परिषद का सचिव बनाया गया है। बता दें कि 65 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई इस परीक्षा का रिजल्ट 13 अगस्त को घोषित किया गया था।