अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई बड़े फैसले लेकर पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रंप के वो फैसले पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले हैं। उन्हीं फैसलों में से एक है अमेरिका में जन्म के साथ ही मिलने वाली नागरिकता को खत्म करना। यह व्यवस्था अमेरिका में 150 साल से चली आ रही थी, लेकिन ट्रंप ने अब इसे खत्म कर दिया है। दरअसल, अब तक अमेरिका में पैदा होने वाले हर शख्स को वहां की नागरिकता मिल जाती थी फिर चाहे उसके परिजन वहां के नागरिक हों या फिर किसी और देश के, लेकिन ट्रंप ने इसे अब खत्म कर दिया है।

H1B वीजा होल्डर्स पर भी पड़ेगा असर?

इस फैसले ने अमेरिका में रहने वाले कई भारतीयों की चिंता को बढ़ा दिया है। ट्रंप ने इस व्यवस्था को खत्म करने का वादा चुनाव प्रचार के दौरान ही किया था। अब नए आदेश की वजह से H-1B वीजा होल्डर्स और उनके परिवारों पर भी असर पड़ सकता है। उनके मन में यह सवाल है कि क्या उनके बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है? जी हां, इस आदेश का असर उन लाखों लोगों पर भी पड़ने वाला है, जो ग्रीन कार्ड के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं। इनमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं।

कैसे पड़ेगा H1B वीजा धारकों पर असर

नए नियम की वजह से H-1B वीजा होल्डर्स के बच्चों की शिक्षा पर भी इस आदेश का प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि अमेरिका में इस वीजा को सबसे अधिक भारतीय ही प्राप्त करते हैं। ट्रंप का नया आदेश लागू होने के बाद 19 फरवरी, 2025 के बाद अमेरिका में कानूनी तौर पर या अस्थायी वीजा (जैसे H1B, H-4, या स्टूडेंट वीजा) पर रहने वाले पैरेंट्स के बच्चों को देश में पैदा होने के बाद भी नागरिकता नहीं मिलेगी। इसमें वह परिवार भी आएंगे जो जिनके परैंट्स के पास या तो टेंपरेरी वीजा है या फिर अमेरिका का ग्रीन कार्ड है।

21 साल की उम्र के बाद छोड़ना होगा देश

इसमें वे परिवार भी शामिल हैं, जिनकी मां के पास टेंपरेरी वीजा है और पिता अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड होल्डर नहीं है। H-1B वीजा होल्डर के बच्चे के पास अगर अमेरिका की नागरिकता नहीं होगी तो उसे 21 साल की उम्र के बाद देश छोड़ना होगा या फिर किसी और वीजा को लेकर देश में रहना होगा। ऐसे में ट्रंप के इस आदेश से उनका भविष्य दांव पर लगने वाला है। सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा।

विदेशी नागरिक के रूप में कर सकते हैं पढ़ाई

बता दें कि अभी तक एच1बी वीजा लेकर अमेरिका आए भारतीयों से यहां पैदा होने वाले बच्चों को अमेरिका की नागरिकता मिल जाती थी और वह बच्चे वहां पर पढ़ाई के साथ-साथ हर तरह की सुविधाओं के हकदार होते थे। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें स्कॉलरशिप का भी लाभ मिल जाता था, लेकिन अब वह पढ़ाई तो कर सकते हैं, लेकिन बस एक विदेश नागरिक के रूप में।

बता दें कि H-1B वीजा होल्डर्स को ग्रीन कार्ड की अनिश्चितता से जूझना पड़ रहा है, लेकिन अब उनके बच्चों की पढ़ाई की भी समस्या से भी जूझना पड़ेगा। नागरिकता के बिना बच्चों को 21 साल की उम्र के बाद या तो खुद ही अमेरिका छोड़ना होगा या फिर वे हायर एजुकेशन के लिए स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। स्टूडेंट वीजा हासिल करना पहले से ही काफी चुनौतीपूर्ण काम रहा है, जो उनकी मुश्किलों को बढ़ा देगा।