उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों में रीडिंग कल्चर (Reading Culture) को बढ़ावा देने और मोबाइल व सोशल मीडिया पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के सभी माध्यमिक और बेसिक प्राथमिक विद्यालयों में अब अख़बार पढ़ना रोज़ाना अनिवार्य गतिविधि होगी। इस संबंध में 23 दिसंबर को माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
सुबह की प्रार्थना सभा में होंगे 10 मिनट अख़बार पढ़ने के लिए तय
सरकार के आदेश के अनुसार, हर स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान कम से कम 10 मिनट अख़बार पढ़ने के लिए निर्धारित किए जाएंगे। इस दौरान छात्र राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, खेल और संपादकीय खबरें बारी-बारी से पढ़कर सुनाएंगे इसके साथ ही स्कूल लाइब्रेरी में हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों अख़बार उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा
‘Word of the Day’ से बढ़ेगी छात्रों की शब्दावली
नई गाइडलाइन के तहत, अखबार से हर दिन 5 कठिन शब्द चुने जाएंगे और इन शब्दों को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा। इससे छात्रों की अंग्रेज़ी और हिन्दी शब्दावली मजबूत होगी और फेक न्यूज़ की पहचान और प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस पहल से छात्रों में, सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स की समझ बढ़ेगी और फेक न्यूज़ पहचानने की क्षमता विकसित होगी और एकाग्रता, आलोचनात्मक सोच और सामाजिक जागरूकता बढ़ेगी। इसके अलावा UPSC, SSC, Banking, NDA जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी।
स्कूलों में शुरू होंगी ये अतिरिक्त गतिविधियां
सरकार ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों को इन रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ें:
स्कूल स्तर पर न्यूज़पेपर या मैगज़ीन का प्रकाशन
कक्षा 9 से 12 तक एडिटोरियल आधारित लेखन व समूह चर्चा
क्रॉसवर्ड और सुडोकू प्रतियोगिता
जूनियर छात्रों के लिए न्यूज़ कटिंग से स्क्रैपबुक बनाना
पहले से चल रही है ‘रीडिंग कैंपेन’
यह आदेश 2 नवंबर को जारी किए गए उस निर्देश का विस्तार है, जिसके तहत:
छात्रों को हर हफ्ते कम से कम एक नॉन-सिलेबस किताब जारी करना अनिवार्य किया गया
ज़िला सरकारी लाइब्रेरी में छात्रों को प्रवेश की अनुमति
अधिक पढ़ने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र देने की व्यवस्था
“No Bouquet, Only Book” अभियान – अब स्कूल समारोहों में ट्रॉफी की जगह किताबें भेंट की जाएंगी
सख्ती से लागू होंगे आदेश
सरकार ने साफ किया है कि यह आदेश सभी डिविजनल शिक्षा अधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षकों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए गए हैं और पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू किए जाएंगे।
Jansatta Education Expert Opinion
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल युग में अख़बार पढ़ने की आदत छात्रों को सोचने-समझने वाला नागरिक बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। इससे बच्चों में भाषा कौशल के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी विकसित होगी।
