देश के ग्यारह राज्यों में माध्यमिक स्तर (नौवीं और दसवीं) पर स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की दर 15 फीसद से अधिक है। वहीं, राष्ट्रीय औसत 11.5 फीसद है। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी यूडाइस प्लस की रपट में यह तथ्य सामने आया है।

यूडाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन सिस्टम फोर एजुकेशन) प्लस की रपट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा स्कूल छोड़ने की 20 फीसद यानी दसवीं तक पहुंचने वाला पांच में एक विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देता है।

कर्नाटक व असम में विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने की दर 18.30 फीसद, असम में 17.50 फीसद, मेघालय व मिजोरम में 17.40 फीसद, गुजरात में 16.90, मध्य प्रदेश में 16.80 फीसद, लद्दाख में 16.20 फीसद, आंध्र प्रदेश में 15.50 फीसद और छत्तीसगढ़ में माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर 15.30 फीसद है। वहीं, ओड़ीशा में यह दर 15 फीसद है।

किन राज्यों में कम छात्र छोड़ते हैं स्कूल?

अगर स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की कम दर की बात करें तो झारखंड में इस स्तर पर केवल 3.50 फीसद ही विद्यार्थी स्कूल छोड़ते हैं। इसी तरह उत्तराखंड में 4.60 फीसद और केरल में 4.80 फीसद विद्यार्थी स्कूल छोड़ते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वालों की संख्या औसतन 11.50 फीसद है। इसमें लड़कियों की संख्या 13.30 फीसद और लड़कों की संख्या 9.60 फीसद है। पश्चिम बंगाल में लड़के और लड़कियों के पढ़ाई बीच में छोड़ने में काफी अंतर है। यहां पर लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर 23.40 फीसद है जो देश में सबसे अधिक है। वहीं, लड़कों के स्कूल छोड़ने की दर 16.70 फीसद है।

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