यूजीसी द्वारा हाल ही में देश भर में ग्रेजुएशन के सिलेबस में ‘जीवन कौशल’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया गया था। ‘सोशल मीडिया की नैतिकता और शिष्टाचार, गूगल का किस तरह बेहतर उपयोग किया जाए, योग- प्राणायाम’ जैसे विषय यूजीसी सिलेबस का हिस्सा बनेंगे।
छात्रों की क्षमताओं को विकसित करना उद्देश्यः जानकारी के मुताबिक जीवन कौशल कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में भावनात्मक और बौद्धिक क्षमताओं को विकसित करना, मौखिक और गैर मौखिक संचार कौशल को विकसित करना है।
यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,’ आज की तारीख में जब हम संचार कौशल से जुड़ी चीजों के बारे में बात करते हैं तो इसमें सोशल मीडिया की मौजूदगी को किसी भी तरह नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। सोशल मीडिया वेबसाइटें लोगों से जुड़ने और उनसे जुड़ने का एक अच्छा जरिया है। लेकिन छात्रों को सोशल मीडिया के अच्छे और बुरे पहलुओं के बारे में पता होना चाहिए।’
National Hindi News, 14 October 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
पाठ्यक्रम में सिखाई जाएंगी अहम बातेंः यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया के कुछ नैतिक मानदंड और शिष्टाचार होने चाहिए। और पाठ्यक्रम में उन्हें इसी से संबंधित चीजें सिखाई जाएंगी। छात्रों को सिखाया जाएगा की ‘गूगल सर्च’ का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए। इसके लिए भी पाठ्यक्रम में मॉड्यूल तैयार किया गया है।
पाठ्यक्रम में होंगे तीन ऐच्छिक विषयः जानकारी के मुताबिक यूजीसी के इस पाठ्यक्रम में तीन ऐच्छिक विषयों को जगह दी जाएगी जिनमें एकात्म मानव, योग, प्राणायाम और कृतज्ञता भाव शामिल है। यूजीसी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाठ्यक्रम को एक्सपर्ट टीम द्वारा विकसित किया गया है। इसका मकसद छात्रों की वास्तविक क्षमता को उजागर करना और समाज में बेहतर और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना है।’