उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया इस बार सितंबर में ही शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही छात्रवृत्ति वितरण शुरू किया गया है। इस प्रक्रिया के पहले चरण में लगभग 62.13 करोड़ रुपये का वितरण किया गया, जिससे कक्षा 9 से 12 तक के 2.5 लाख से अधिक OBC छात्रों को लाभ मिला।
दूसरे चरण का वितरण शुक्रवार को किया गया, जिसमें 4.83 लाख से अधिक छात्रों के बैंक खातों में 126.68 करोड़ रुपये सीधे स्थानांतरित किए गए और मुख्यमंत्री स्वयं लोक भवन ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में छात्रवृत्ति के सीधे हस्तांतरण की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे थे।
ओबीसी वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप देने के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “छात्रवृत्ति का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है ताकि वे अपनी ऊर्जा से समाज और राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दे सकें। आज लखनऊ में दशमोत्तर एवं पूर्वदशम के 10,28,205 छात्र-छात्राओं को ₹297.95 करोड़ की छात्रवृत्ति का अंतरण किया।
“हमारा संकल्प है कि किसी भी युवा, छात्र-छात्रा, खास तौर पर अनुसूचित जाति और जनजाति व अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। दीपावली से पूर्व मिले इस उपहार के लिए सभी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को हृदय से बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं”
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि “विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश” का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो।
कश्यप ने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रतिभाशाली छात्र को वित्तीय कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने बताया कि अब छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और पूरी तरह डिजिटल हो गई है। नए सिस्टम के तहत अब छात्रवृत्ति पूरी तरह ऑनलाइन Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से, आधार-लिंक्ड बैंक खातों में दी जाती है, जिससे पारदर्शिता और कुशलता बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग का बजट 2016-17 में 1,295 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 3,124.45 करोड़ रुपये हो गया है, यानी 2.5 गुना से अधिक वृद्धि हुई है। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के लिए आवंटन भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया है। कश्यप ने यह भी बताया कि 2016-17 में, समाजवादी पार्टी के शासनकाल में, छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवंटन केवल 1,092.36 करोड़ रुपये था।