अनामिका सिंह

शिक्षा में होते नित नए बदलावों व ‘समावेशी कक्षा को समझने’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) अपने पोर्टल ‘दीक्षा’ से दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षण देगी।

पाठ्यक्रम में नामांकन और इस पाठ्यक्रम को पूरा करने की समयसीमा 18 अप्रैल से 2 मई तक रखी गई है। मालूम हो कि समावेशी शिक्षा सभी बच्चों के लिए समानता, न्याय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक है, खासकर उन बच्चों के लिए जो विकलांगता, जातीयता, लिंग या अन्य कारणों से हाशिए पर हैं।

ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई) 2020 में 2030 तक समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा के साथ, शिक्षकों के लिए समावेशन के दर्शन को अपनाना अनिवार्य है, इसे ध्यान में रखते हुए एससीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। जानकारी के अनुसार इस पाठ्यक्रम में समावेशी कक्षा और इसकी शिक्षाशास्त्र की गहरी समझ के साथ-साथ सभी बच्चों को समावेशी प्रथाओं से मिलने वाले लाभों को शामिल किया गया है।

एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डा नाहर सिंह ने पत्र जारी करते हुए शिक्षकों से कहा है कि वो खुद को इस प्रयास में शामिल करें क्योंकि समावेशी कक्षाएं विविधता को अपनाकर प्रत्येक शिक्षार्थी का समग्र विकास सुनिश्चित करती हैं। एससीईआरटी द्वारा यह प्रशिक्षण दीक्षा-लीड प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाया गया है। इसमें शिक्षक अपने मौजूदा ईमेल व मोबाइल नंबर से लागिन कर सकते हैं।

बिना परेशानी पाठ्यक्रम पूरा कर सकेंगे शिक्षक

एससीईआरटी ने कहा है कि शिक्षक बिना किसी असुविधा व परेशानी के इस पाठ्यक्रम को पूरा कर सकते हैं। इस दौरान स्कूल या संस्थान के नियमित काम में कोई बाधा नहीं आएगी। इसमें कार्यक्रम की समाप्ति तिथि तक नामांकन कर उसे पूरा किया जा सकेगा। यही नहीं कार्यक्रम को अपनी गति से और किसी भी स्थान पर किया जा सकेगा।