पंजाब सरकार के अंतर्गत आने वाले शिक्षा विभाग ने राज्य के 301 मास्टर कैडर (कक्षा 6वीं से 10वीं तक पढ़ाने वाले) शिक्षकों को बतौर अंग्रेजी लेक्चरर प्रमोट किया है। अब यह शिक्षक कक्षा 11वीं और 12वीं के बच्चों को पढ़ाएंगे, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि जिन 301 शिक्षकों को प्रमोट किया गया है उनमें से केवल 3 को ही अंग्रेजी भाषा में पढ़ाने की विशेषज्ञता है बाकी 298 टीचर गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और यहां तक कि हिंदी और पंजाबी सहित अन्य विषय पढ़ा रहे हैं।
इन विषयों के शिक्षकों को किया गया है प्रमोट
सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में 301 शिक्षकों को अंग्रेजी लेक्चरर के लिए प्रमोट किया गया। इसमें से 3 को सिर्फ अंग्रेजी में विशेषज्ञता हासिल थी। अन्य 298 शिक्षकों की अन्य विषयों में विशेषज्ञता है। इसमें सबसे अधिक 127 विज्ञान के शिक्षक हैं जिन्हें अंग्रेजी लेक्चरर के लिए प्रमोट किया गया है। विज्ञान के बाद सामाजिक अध्ययन (102), गणित (41), हिंदी (16), पंजाबी (7), कृषि (4) और शारीरिक शिक्षा (1) के शिक्षकों को पदोन्नत किया गया है।
विभाग ने सफाई में क्या कहा?
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के कुछ सरकारी स्कूलों में सामाजिक अध्ययन शिक्षकों को भाषा शिक्षकों की अत्यधिक कमी के कारण बिना किसी विशेषज्ञता के अंग्रेजी पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ता है क्योंकि राज्य में 2007 तक उन्हें नियुक्त करने के लिए कोई अलग कैडर नहीं था। हालांकि, विभाग के अधिकारियों ने सफाई में कहा है कि जिन शिक्षकों को प्रमोट किया गया है वह मानदंडों पर खरा उतरे हैं। वह शिक्षक यूजीसी अनुसार मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर (एमए) के डिग्री धारक हैं।
विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जिन शिक्षकों को प्रमोट किया गया है, उनमें से कई ने दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से अंग्रेजी में एमए किया है। विभाग के आदेश में उल्लेख किया गया है कि जिन शिक्षकों ने पंजाब के बाहर के विश्वविद्यालयों से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से मास्टर डिग्री हासिल की है।
अधिकारियों की यह है सफाई
इस प्रमोशन विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर ऋतु वर्मा ने कहा है, “शिक्षकों ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अपनी एमए की डिग्री जिन विश्वविद्यालयों से हासिल की है, उनके प्रमाण-पत्रों की पुष्टि करने के बाद ही यह पदोन्नति दी गई है।”
स्कूल शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) परमजीत सिंह ने कहा, “नियमों के अनुसार, शिक्षकों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करनी होती है। केवल उन्हीं को पदोन्नत किया गया है जिन्होंने मानदंड पूरे किए हैं।”