Pariksha Pe Charcha 2.0 2019: ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दूसरे संस्करण के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय राजधानी ”परिक्षा पे चर्चा 2.0” में शामिल हुए। नरेंद्र मोदी इस सेशन में कुल 2,000 छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ बातचीत की। कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं शुरु होने के लिए दो सप्ताह से भी कम समय बचा है। इसलिए पीएम मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में एक इंटरैक्टिव सेशन में भाग लिया जिससे छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने में मदद मिलेगी। इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों को बहुत से तरीकों से वाकिफ कराया जिनसे तनाव को कम किया जा सकता है, साथ ही यहां पहली बार देशभर के छात्रों को इवेंट में भाग लेने का मौका मिला।

इवेंट के दौरान नरेंद्र मोदी ने छात्रों को कई मुद्दों पर सलाह दीं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

1. “विज्ञान और गणित आवश्यक हैं, लेकिन अन्य विषयों को भी समय देना चाहिए। बहुत सारे क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध हैं। इसके लिए विचारों में स्पष्टता और दृढ़ विश्वास जरुरी है।”

2. “एक चीज जो हम सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, वह है टाइम मैनेजमेंट। समय हमारा अपना है, और यह हम तय करते हैं कि हमें अपने समय का कैसे सदुपयोग करना है। यह पूरी तरह से आपके नियंत्रण में है।”

3. पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि जो चीजें हमारे लिए चुनौती की तरह होती हैं, वो हमें बेहतर करने में मदद करती हैं। अगर हमें परखने के लिए कुछ नहीं हो तो हम आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं। इसलिए हमेशा हमें चुनौती देने के लिए कुछ ना कुछ होना चाहिए।’

4. “मेरे लिए सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। जब सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं तो मैं थकान महसूस नहीं करता हूं। हर पल मैं सोचता हूं, रात को जब सोने जाता हूं तो सुबह का सोच कर जाता हूं, और नई उमंग, नई उर्जा के साथ आता हूं”।

5. हमारी शिक्षा केवल परीक्षाओं तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमारी शिक्षा हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करती है: पी.एम।

6. एक व्यक्ति अचानक डिप्रेशन में नहीं जाता है। ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि कोई व्यक्ति डिप्रेशन की तरफ बढ़ रहा है। इन संकेतों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसके विपरीत, हमें इस बारे में बात करनी चाहिए: पीएम।

7. पीएम ने छात्रों से कहा कि आत्मविश्वासी बनें और दूसरे की प्रशंसा के आधार पर अपनी सफलता का मूल्यांकन ना करें। इसके बजाय, अपने शिक्षक का दिल जीतने के लिए खुद को चुनौती दें।

8. कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार से पेश आते हैं, यह महत्व रखता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसने के लिए है, कोसने के लिए नहीं: PM

9. उन्होंने आगे कहा- दबाव में आकर विषयों का चयन ना करें, अपने निर्णय के आधार पर एक विकल्प तैयार करें। अपने माता-पिता और शिक्षकों के साथ इस बारे में बातचीत करें।

10. मैं सभी अभिभावकों से अनुरोध करता हूं कि अपने बच्चों से आपके अधूरे सपनों को पूरा करने की उम्मीद ना करें। हर बच्चे की अपनी क्षमता और ताकत होती है। प्रत्येक बच्चे की इन सकारात्मकताओं को समझना महत्वपूर्ण है: पीएम।