Study in US: हाल ही में अमेरिका की नई सरकार के सुप्रीम डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय छात्र वीजा को रद्द करने के साथ ही यूनिवर्सिटीज को सरकार द्वारा दिए जाने वाले फंड में कटौती कर दी है। इसके चलते भारतीय छात्रों के अमेरिका में पढ़ने के सपनों को करारा झटका लगा है। साल 2023-24 में भारतीय छात्रों ने 3.31 लाख नामांकन के साथ अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच सबसे बड़ा गुट बना लिया था। इनमें से 1.96 लाख यानी लगभग 60% पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री प्राप्त हासिल कर रहे हैं।
ऐसे में नए नियमों के बाद जो भी छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, उनको शिक्षा सलाहकारों ने कुछ खास बातों को ध्यान रखने सलाह दी है।
भारत वापस आने के लिए तैयार रहें छात्र
ग्रेजुएट छात्रों के लिए शिक्षा सलाहकार विरल दोशी की सलाह है कि छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अगर आप अमेरिका जा रहे हैं, तो सीखने की इच्छा लेकर जाएं। छात्र मानसिक रूप से इस बात के लिए तैयार रहें कि इंटर्नशिप या नौकरी पाना उनके लिए पिछले सालों की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।
विरल दोशी ने जिन कारणों की ओर इशारा किया है, उनमें वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (OPT) कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में पेश किया गया नया विधेयक शामिल है, जो F1 वीज़ा पर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अस्थायी रूप से अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। विरल दोशी ने यह भी कहा कि मेक अमेरिका ग्रेट अगेन)स्थिति के साथ अधिक राष्ट्रवाद का मतलब यह हो सकता है कि अमेरिकियों को पहले नौकरी मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ, कंपनियों को भी अनिश्चितता है कि क्या वे कुछ वर्षों के लिए देश में काम करने में सक्षम हो सकते हैं।
नियमों का करना होगा सख्त पालन
वहीं इस मामले में एडुआब्रॉड कंसल्टिंग की सीईओ प्रतिभा जैन ने कहा कि पोस्ट ग्रैजुएट छात्रों के लिए रिसर्च सहायक पदों की तलाश करना आम बात है, जिससे उन्हें अमेरिका में अपने जीवन-यापन के खर्च का कुछ हिस्सा वहन करने में मदद मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि विश्वविद्यालयों के लिए शोध निधि प्रभावित हुई है। अगर कम भी की जाती है, तो यह अमेरिकी नागरिकों के लिए हो सकती है। इसलिए अगर किसी छात्र के पास अपनी 80% ज़रूरतों के लिए पैसे हैं और वह बाकी 20% के लिए शोध सहायक पर निर्भर है, तो उन्हें तब तक अपना प्रवेश स्थगित कर देना चाहिए जब तक उनके पास जाने के लिए पैसे न हों। उन्होंने आगे कहा कि रिसर्च या टीचिंग असिस्टेंटशिप या पार्ट-टाइम काम जैसी ऑन-कैंपस नौकरियों पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। छात्रों को अपने पास पैसे होने चाहिए।
लसोशल मीडिया पर रहना होगा ज्यादा सावधान
परामर्शदाता और वकील भावी छात्रों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जो कुछ भी लिखते हैं, उसके प्रति सावधान रहें। दोशी ने कहा कि राजनीतिक सक्रियता से सावधान रहें, यहां तक कि निजी तौर पर भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने से भी बचें। आईडीपी एजुकेशन के दक्षिण एशिया, कनाडा, लैटिन अमेरिका और मॉरीशस के क्षेत्रीय निदेशक पीयूष कुमार ने कहा कि छात्रों को इस बात को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए कि वे सोशल मीडिया पर किस तरह की सामग्री पोस्ट करते हैं।
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पढ़ाई और उससे जुड़ी बातों पर भी रखें फोकस करें
विश्वविद्यालय और वीज़ा नियमों का पालन करें।
सभी फॉर्म व्यक्तिगत रूप से जमा करें।
अपने I-20, वीज़ा और वित्तीय दस्तावेज़ों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें।
पैसाजुटाने के लिए आकस्मिक योजना तैयार रखें, जिसमें व्यक्तिगत बचत या शिक्षा ऋण शामिल हो।
पोस्टग्रेजुएट्स योजनाओं को स्थगित करने पर विचार करें
अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए जैन ने पोस्टग्रैजुएशन के लिए छात्रों को सावधानी से आगे बढ़ने की सलाह दी है। शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी, लेकिन अध्ययन के बाद का काम, नौकरी, इंटर्नशिप कुछ वर्षों तक प्रभावित रहेगी।
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अमेरिका में पढ़ाई के लिए अब क्या करें छात्र
अमेरिका में नौकरी या असिस्टेंटशिप पर भरोसा न करें।
जाने से पहले अपने वित्तपोषण का कम से कम 80% सुरक्षित करें।
वीज़ा, शैक्षणिक और नियमों का पूरी तरह से पालन करें।
सोशल मीडिया को साफ रखें – विवादास्पद या राजनीतिक पोस्ट से बचें।
अपने कोर्स के बाद घर लौटने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
अगर लोन लेकर पढ़ाई करनी है तो अपनी योजनाओं को एक या दो साल के लिए स्थगित करने पर विचार करें।
