जेईई और नीट जैसी बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जनवरी 2026 से नया सिस्टम लागू करने की योजना पर काम कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एजुकेशन मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि NTA अगले साल जनवरी में होने वाले जेईई मेन समेत कई एंट्रेंस एग्जाम में उम्मीदवारों के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है।
इस सिस्टम को लागू करने का उद्देश्य
जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने और इन एग्जाम में नकल या फिर फर्जी उम्मीदवारों के बैठने जैसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए यह सिस्टम लागू किया जा सकता है। फेस रिकग्निशन सिस्टम से एग्जाम सेंटर्स पर सिक्योरिटी के तरीके बेहतर होने की उम्मीद है। इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद एग्जाम में कैंडिडेट की जगह कोई अन्य उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाएगा।
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (UIDAI) ने इस साल मई में NEET-UG एग्जाम के दौरान फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम को लागू किया था। यह दिल्ली के कुछ सेंटर्स पर एक “प्रूफ ऑफ़ कॉन्सेप्ट” — एक पायलट प्रोजेक्ट — था। इसमें कैंडिडेट्स की पहचान वेरिफ़ाई करने के लिए आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया शामिल थी।
NEET-UG के बाद मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के एक प्रेस नोट में कहा गया कि इस कोशिश के बाद भविष्य में इसके इस्तेमाल की संभावना का पता चला। यह प्रक्रिया एंट्रेंस एग्जाम के दौरान नकल की कोशिशों को काफी हद तक रोकने में अहम भूमिका निभा सकती है।
NTA ने सितंबर में जारी एक पब्लिक नोटिस में JEE (मेन) 2026 के कैंडिडेट्स के लिए कहा था कि वह अपने आधार कार्ड में सही नाम, जन्म तिथि, लेटेस्ट फ़ोटोग्राफ़, पता और पिता के नाम को अपडेट रखें। अक्टूबर में एक और नोटिस में NTA ने कहा कि वह UIDAI से आधार ऑथेंटिकेशन के ज़रिए नाम, जन्मतिथि, फ़ोटो और पते जैसी डिटेल्स लेगा।
