NEET UG scam toppers list: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा संशोधित मेरिट लिस्ट की घोषणा कर दी गई है, जिसके बाद नीट यूजी का फाइनल रिजल्ट जारी होने वाला है और रिजल्ट जारी होने के बाद संभवत शुक्रवार तक नीट-यूजी परीक्षा में टॉपर्स की संख्या 61 से घटकर 17 हो जाएगी। मंगलवार 23 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर आईआईटी-दिल्ली द्वारा भौतिकी के पेपर में एक प्रश्न में केवल एक विकल्प को सही बताए जाने की सिफारिश के बाद मेरिट सूची में संशोधन की आवश्यकता पड़ी थी।

NEET UG revised result: छात्रों की शिकायत

इस मामले में कई छात्रों ने शिकायत की थी कि चार में से दो विकल्प अलग-अलग एनसीईआरटी पुस्तकों के आधार पर सही माने जा सकते हैं। केवल एक उत्तर को सही माना जाने के कारण, जिन लोगों ने दूसरा विकल्प चुना था, उन्हें पाँच अंक (गलत उत्तर के लिए चार अंक और एक नकारात्मक अंक) का नुकसान हुआ और इसका प्रभाव निश्चित रूप से परीक्षा देने वाले सभी उम्मीदवारों की रैंक पर व्यापक रूप से पड़ेगा।

NEET UG revised result: कितने छात्रों पर पड़ेगा असर ?

आईआईटी दिल्ली के द्वारा दिए गए सही विकल्प के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए निर्णय से सीधे तौर पर 4.2 लाख उम्मीदवारों के अंकों पर असर पड़ेगा, जिनमें 44 ऐसे उम्मीदवार शामिल हैं, जिन्होंने 720 के पूर्ण अंक प्राप्त किए हैं क्योंकि उन्होंने आईआईटी-दिल्ली द्वारा गलत माने गए उत्तर को चुना था और जिसके लिए उन्हें पहले एनटीए द्वारा चार अंक दिए गए थे।

NEET UG revised result: एनटीए अधिकारी ने दी यह जानकारी

एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, “टॉपर्स की संख्या, जो 61 है, अंकों की कटौती के बाद घटकर 17 रह जाएगी।” रैंकिंग में यह बदलाव कई छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि देश में 1.08 लाख मेडिकल सीटों के लिए 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने NEET-UG परीक्षा दी थी। इनमें से 56,000 सीटें सरकारी संस्थानों में हैं, जो अपने बेहतर बुनियादी ढांचे और कम फीस के लिए काफी लोकप्रिय हैं”।

NEET UG revised result: क्या कहती है रिपोर्ट ?

सूत्रों से मिली लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, इस संशोधन का सबसे अधिक प्रभाव 50,000 से 1 लाख के बीच रैंक वाले उम्मीदवारों पर पड़ेगा, क्योंकि 16,000 से अधिक उम्मीदवार, जिन्हें पहले मेडिकल कॉलेज में सीट मिलने की संभावना थी, वे इस ग्रुप से बाहर हो सकते हैं। इसके अलावा दूसरी अपडेट के अनुसार, जो 44 छात्र टॉपर थे वे अब टॉपर नहीं रहेंगे लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि क्योंकि वे अभी भी 33,000 से 50,000 के रैंक ग्रुप में बने रहेंगे मगर रैंक में बदलाव होने के बाद उनकी पसंद के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीट हासिल करने की संभावना प्रभावित हो सकती है।