मेडिकल कोर्स MBBS में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नीट यूजी इस साल मई में आयोजित हो सकती है। हालांकि अभी तारीख की घोषणा नहीं हुई है। परीक्षा की तारीख से पहले उम्मीदवारों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का इंतजार है। माना जा रहा है कि इस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन जनवरी के आखिर में या फिर फरवरी के शुरुआत में हो सकते हैं।
20 लाख से अधिक छात्र देते हैं NEET UG
बता दें कि नीट यूजी परीक्षा में हर साल 20 लाख से अधिक छात्र शामिल होते हैं, लेकिन हर किसी को MBBS कोर्स में एडमिशन नहीं मिल पाता। दाखिला उसे ही मिलता है जो क्वालिफाइंग क्राइटेरिया को पूरा करता है। देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और क्वालिफाइंग कटऑफ मार्क्स लाने बहुत जरूरी हैं।
MBBS के लिए NEET UG कटऑफ को समझें
NEET UG में कट-ऑफ अंकों की गणना परीक्षा के कठिनाई लेवल, परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या और मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध सीटों जैसे फैक्टर पर विचार करने के बाद तय की जाती है। इसके अलावा NEET UG में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों के लिए योग्यता भी निर्धारित है। जो उम्मीदवार उस योग्यता को पूरा करते हैं वही नीट यूजी परीक्षा में उपस्थित हो पाते हैं। इस परीक्षा की योग्यता नीचे दी गई है।
सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 50 पर्सेंटाइल तय है।
एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 40 पर्सेंटाइल तय है।
दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए 45 पर्सेंटाइल तय है।
MBBS कोर्स में एडमिशन के लिए नीट यूजी में कितने चाहिए मार्क्स?
एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित नीट यूजी में क्वालिफाइंग मार्क्स लाकर ही उम्मीदवार आगे दाखिला पा सकते हैं। अपेक्षित अंकों का विवरण इस प्रकार है:
सरकारी मेडिकल कॉलेज (AIQ)
सामान्य श्रेणी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 650 से अधिक है।
ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 630–650 अंक निर्धारित हैं।
एससी/एसटी श्रेणी के कैंडिडेट के लिए 500–550 अंक लाना आवश्यक है।
सामान्य श्रेणी: 600–650
ओबीसी श्रेणी: 580–620
एससी/एसटी श्रेणी: 450–550
प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी
प्राइवेट कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों के लिए, अंक अपेक्षाकृत कम होते हैं। उन कॉलेजों की अपेक्षित कटऑफ इस प्रकार है।
सामान्य श्रेणी: 400–550
आरक्षित श्रेणी के लिए: 300–400
एनआरआई/प्रबंधन कोटा सीटों के लिए 250 से 400 के बीच में अंक हो सकते हैं और ज्यादातर यह कॉलेजों पर निर्भर करता है।