मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट यानी एनईईटी देने वाले उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट के लिए एनईईटी को आठ भाषाओं में करवाने का फैसला किया है। इन भाषाओं में हिंदी, अंग्रेजी, आसामी, बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगु का नाम शामिल है। दरअसल सीबीएसई पहले ही जेईई मेन 2017 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है, इसलिए यह माना जा रहा है कि एनईईटी के लिए फॉर्म भी दिसंबर के तीसरे हफ्ते में जारी किए जा सकते हैं। हालांकि हर साल एनईईटी का एग्‍जाम मई महीने में आयोजित किया जाता है।

लोकसभा में 9 दिसंबर को एक लिखित रिप्‍लाई में स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री अनुपप्रिया पटेल ने कहा है कि मेडिकल के लिए अगले साल होने वाला यूनिफॉर्म एंट्रेंस एग्‍जाम हिंदी, अंग्रेजी और अन्‍य भाषा में भी होगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि ऑल इंडिया कोटा सीट के अधीन ग्रामीण छात्रों के लिए कोई भी मापदंड तय नहीं किया गया। वहीं उनका कहना है कि राज्‍यों को यह छूट है कि वो अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्‍तर पर राज्‍य कोटा सीट्स निर्धारित करें। हालांकि एनईईटी राज्य सरकारी की आरक्षण नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा।

गौरतलब है कि कुछ सालों से एआईपीएमटी की जगह एनईईटी एग्‍जाम लिया जा रहा है। इसके माध्‍यम से तैयार मेरिट के आधार पर ही पूरे देश में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है। कोई संस्‍थान अपने स्‍तर पर मेडिकल एंट्रेंस नहीं ले सकता है। केंद्र और एमसीआई ने जो प्रस्‍ताव रखा था, उसके अनुसार मई में होने वाली ऑल इंडिया पीएमटी परीक्षा को एनईईटी-1 को माना जाएगा। दूसरे चरण को एनईईटी-2 माना जाएगा। इसका आयोजन 24 जुलाई को होगा और 17 अगस्त को संयुक्त परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस व्‍यवस्‍था को ही सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मंजूरी दी थी। कोर्ट के इस फैसले पर तमिलनाडु की ओर से भी आपत्ति जताई गई थी। इसकी ओर से कहा गया कि राज्य में वर्ष 2007 के बाद से प्रवेश परीक्षाओं की कोई संस्कृति नहीं है।