एक व्यक्ति के जीवन में किताबों का विशेष महत्व होता है और कितानों को पढ़ने के शौकीन लोगों का तो इनसे विशेष लगाव होता है। हर किसी ने अपने जीवन में एक न एक बार तो किताब जरूर पढ़ी होगी। कहते हैं कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं जिसका ज्ञान व्यक्ति के जीवन के साथ ही समाप्त होता है। हालांकि डिजिटलीकरण के दौर में किताबों के महत्व थोड़ा बहुत कम जरूर हुआ है, लेकिन आज भी किताब पढ़ने के शौकीन उसे खरीदकर पढ़ना पसंद करते हैं। आजकल के बहुत ही कम युवा किताबों में दिलचस्पी रखते हैं और अगर उन्हें पढ़ने का शौक भी हो तो वह डिजिटल माध्यम से किताबों को पढ़ लेते हैं, लेकिन फिर भी हर साल करोड़ों की संख्या में किताबें लिखी जाती हैं और फिर उनकी छपाई होती है।
दुनिया की सबसे महंगी किताब कौन सी?
ऑनलाइन बुक पढ़ने के दौर में ऐसे किताब प्रेमी हैं जो वास्तविक कागज से बनी पुस्तक पढ़ना पसंद करते हैं। वे ना सिर्फ किताबों को पढ़ते हैं बल्कि कागज के पन्नों में पिरोये हुए शब्दों को महसूस भी करते हैं। दुनिया में कई किताबें ऐसी हैं जिनकी कीमत करोड़ों में है और लोग उसे खरीदकर पढ़ते भी हैं। इस आर्टिकल में हम आपको दुनिया की ऐसी ही कुछ किताबों के बारे में बताएंगे जो सबसे महंगी किताबों वाली श्रेणी में आती हैं।
यह हैं दुनिया की सबसे महंगी किताब
‘द कोडेक्स लिसेस्टर’ दुनिया की सबसे महंगी किताब है। इसकी कीमत तकरीबन 256 करोड़ रुपए है। यह बुक लियोनार्डो द विंची की सबसे प्रसिद्ध साइंटिफिक जर्नल है। 72 पेजों वाली इस किताब को हाथ से लिखा गया था। सालों पहले इस किताब को बिल गेट्स ने 200.2 करोड़ में खरीदा था।
‘द गॉस्पेल ऑफ हेनरी द लॉयन, ऑर्डर ऑफ सेंट बेनेडिक्ट’ दुनिया की दूसरी सबसे महंगी किताब है। इस किताब को 12वीं सदी में लिखा गया था। यह पुस्तक रोमन संस्कृति पर प्रकाश डालती है। इस किताब की कीमत 11.7 मिलियन डॉलर यानी की 76 करोड़ से भी अधिक है।
‘बर्ड्स ऑफ अमेरिका’ जॉन जेम्स ऑडबोन द्वारा लिखी गई किताब है। इस किताब को 19वीं सदी की शुरुआत में प्रकाशित किया गया था। यह दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और सबसे महंगी किताबों में शामिल है। इस किताब की कीमत 74.75 करोड़ रुपये है। ये किताब ट्रिनिटी कॉलेज की वाटकिंसन लाइब्रेरी में रखी हुई है। इस किताब में कुल 435 पन्ने हैं।
The Bay Psalm Book, यह किताब 1640 में छपी थी। इस किताब को ब्रिटिश उत्तरी अमेरिका में छपी पहली पुस्तक होने का गौरव प्राप्त है। यह पुस्तक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, न केवल इसकी धार्मिक सामग्री के लिए बल्कि समय के साथ इसकी उल्लेखनीय यात्रा के लिए भी। आज केवल 11 ज्ञात प्रतियों के साथ इसकी दुर्लभता और सांस्कृतिक महत्व ने इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान पुस्तकों में से एक बना दिया है। साल 2013 में यह किताब 14.2 मिलियन डॉलर में बेची गई थी।
द कैंटरबरी टेल्स किताब भी सबसे महंगी किताबों की सूची में दर्ज है। इसके लेखक जेयोफ्रे चाउसर हैं। उन्होंने साल 1392 में इस किताब को अंग्रेजी में लिखा था। इस किताब की कीमत 48.75 करोड़ रुपये हैं।