पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंचतत्वों में विलिन हो चुके हैं। दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अब उनके सम्मान में कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। दरअसल, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एम सी सुधाकर को पत्र लिखकर बैंगलोर यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च सेंटर स्थापित करने की मांग की है। यह रिसर्च सेंटर मनमोहन सिंह के नाम पर होगा।

क्या होगा इस रिसर्च सेंटर में?

इस रिसर्च सेंटर में मनमोहन सिंह के कार्यक्रमों और नीतियों का अध्ययन, शोध और दस्तावेज़ीकरण करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एम सी सुधाकर और विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे गए खत में कहा गया है, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दुनिया के सबसे महान अर्थशास्त्रियों में से एक थे। उनके कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए वैश्वीकरण, उदारीकरण, आर्थिक नीतियों और शासन अनुशासन ने भारत को आर्थिक रूप से मजबूत किया है।”

‘मैं सरदार मनमोहन सिंह से सिर झुकाकर माफी मांगना चाहता हूं’, आखिर सिद्धू को क्यों बोलना पड़ा था SORRY?

देश उनकी उपलब्धियों को जाने- डीके शिवकुमार

खत में आगे कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने देश को सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई), खाद्य सुरक्षा अधिनियम और आधार कार्ड (विशिष्ट पहचान पत्र योजना) जैसी परिवर्तनकारी नीतियां दी हैं। डीके शिवकुमार ने आगे लिखा है कि हम चाहते हैं भविष्य की यह पीढ़ी उनकी आर्थिक नीतियों और सुधार उपायों के बारे में पढ़े और उन्हें इसकी जानकारी हो, इसीलिए मैं उनके सम्मान और उनकी याद में यह अनुरोध करता हूं कि उनके कार्यक्रमों का दस्तावेजीकरण और अध्ययन करने के लिए बैंगलोर विश्वविद्यालय में एक शोध केंद्र स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

92 साल की उम्र में हुआ निधन

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 साल की उम्र निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा भी की है। शनिवार को पूर्व पीएम की अंतिम यात्रा निकाली गई और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर कर दिया गया।