भारत के अरबपतियों का परिदृश्य युवा नवाचार और अनुभवी उद्यमशीलता का आकर्षक मिश्रण है। देश के सबसे अमीर लोगों में रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी आते हैं। उनके पास अपार संपत्ति है। उनके बाद आने वाले चेहरे भी अरबपतियों की सूची में शामिल है। इसमें ज़ेप्टो के जेनरेशन ज़ेड के सह-संस्थापक कैवल्य वोहरा और अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी शामिल हैं।
संपत्ति के साथ-साथ बड़ी डिग्रियों के मालिक भी हैं देश के अरबपति
इन शख्सियतों के पास संपत्ति तो बेहिसाब है ही इसके अलावा इनके पास डिग्रियों का भी भंडार है। ये लोग अच्छे खासे पढ़े लिखे भी हैं। शिक्षा के माध्यम से भी इन्होंने अनूठे रास्ते बनाए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको देश के टॉप अरबपतियों की एजुकेशन क्वालिफिकेशन के बारे में बताएंगे। देश के टॉप अरबपतियों का यह डेटा M3M Hurun India Rich List 2025 पर आधारित है जिसे M3M Hurun India research institute ने प्रकाशित किया है।
मुकेश अंबानी
9.55 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी ने देश के सबसे अमीर व्यक्ति होने का खिताब अपने नाम किया हुआ है। अंबानी के पास बेहिसाब संपत्ति के साथ-साथ इंजीनियरिंग की डिग्री भी है। उन्होंने हिल ग्रेंज हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। इसके बाद मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की है। इतना ही नहीं मुकेश अंबानी ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया, लेकिन बाद में पढ़ाई छोड़कर उन्होंने पिता का बिजनेस संभालने का फैसला किया।
गौतम अदानी की एजुकेशन
देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में अदानी ग्रुप के मालिक गौतम अदानी का नाम आता है। उन्होंने अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नागिंददास विद्यालय में पढ़ाई की, लेकिन 16 साल की उम्र में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने बिजनेस में दिलचस्पी दिखाई, लेकिन वह अपने पिता के कपड़े के कारोबार में दिलचस्पी नहीं रखते थे। उन्होंने कॉमर्स में डिग्री हासिल करने के लिए गुजरात विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, लेकिन व्यावसायिक अवसरों की तलाश में दूसरे वर्ष के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।
रोशनी नादर मल्होत्रा
HCL Technologies की चेयरपर्सन Roshni Nadar Malhotra भी देश के टॉप अरबपतियों की सूची में शामिल हैं। उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद केलॉन्ग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया। केलॉग में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्हें डीन का विशिष्ट सेवा पुरस्कार मिला। 2023 में, केलॉग ने उनके सामाजिक योगदान के सम्मान में उन्हें शैफनर पुरस्कार से सम्मानित किया।
साइरस एस पूनावाला
पूनावाला ग्रुप के चेयरमैन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के फाउंडर साइरस पूनावाला ने अपनी प्राइमरी एजुकेशन पुणे के बिशप स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने 1966 में बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स (BMCC) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1988 में, उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से “विशिष्ट प्रतिविषों के निर्माण में उन्नत तकनीक और समाज पर इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव” शीर्षक से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
वैश्विक टीकाकरण और परोपकार में उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें 2019 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टर ऑफ साइंस (ऑनोरिस कॉसा) और 2018 में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टर ऑफ ह्यूमेन लेटर्स की उपाधि से सम्मानित किया।
कुमार मंगलम बिड़ला
बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में, उन्होंने 1995 में आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष का पद संभाला।
नीरज बजाज
बजाज ऑटो के चेयरमैन नीरज बजाज ने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल में शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से वाणिज्य स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अमेरिका के बोस्टन स्थित हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
अजीम प्रेमजी
देश के टॉप अरबपतियों में शुमार विप्रो कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है।
अरविंद श्रीनिवास
चेन्नई में जन्मे अरविंद श्रीनिवास ने 2021 में यूसी बर्कले से कंप्यूटर विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री प्राप्त की।
कैवल्य वोहरा
कैवल्य वोहरा ने मुंबई में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। बाद में उन्होंने कंप्यूटर विज्ञान का अध्ययन करने के लिए अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, लेकिन अपना खुद का उद्यम शुरू करने के लिए कार्यक्रम पूरा करने से पहले ही पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया।