कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण ने सभी परीक्षाओं के लिए आधार जैसा रजिस्ट्रेशन प्रस्तावित किया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो यह सिस्टम अगले साल से ही लागू हो जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने अगले साल से प्रोफेशनल कोर्सेस की सीटों के लिए इच्छुक छात्रों के लिए आधार से जुड़े पंजीकरण का प्रस्ताव रखा है, ताकि सीट ब्लॉकिंग की समस्या को खत्म किया जा सके।
जानकारी के मुताबिक, KEA ने यह प्रस्ताव कर्नाटक ई-गवर्नेंस विभाग को सौंप दिया है। केईए के कार्यकारी निदेशक एच प्रसन्ना ने कहा है, “ई-गवर्नेंस विभाग हमारे प्रस्ताव के पक्ष में है और उन्होंने भारत सरकार को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। हम जल्द ही मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “आधार से जुड़े रजिस्ट्रेशन का प्रस्ताव प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए है, जो अब तक नहीं था, ताकि पंजीकरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके और छात्रों को उनके मोबाइल फोन पर परीक्षा से संबंधित जानकारी का प्रसार सुनिश्चित किया जा सके।”
प्रसन्ना ने कहा कि केईए द्वारा विभिन्न विभागों के लिए आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में भी आधार से जुड़े पंजीकरण को शुरू करने की योजना है, ताकि प्रतिरूपण और अन्य कदाचारों पर अंकुश लगाया जा सके। केईए द्वारा यह कदम कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (केसीईटी) कोटे के तहत इंजीनियरिंग सीट आवंटन के सभी राउंड पूरे होने के बाद कथित सीट-ब्लॉकिंग घोटाले के प्रकाश में आने के बाद उठाया गया है।
यह पाया गया कि कई छात्रों ने एक ही आईपी पते का उपयोग करके सीटें ब्लॉक की थीं और केईए को दिए गए उनके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी फर्जी या गलत थे।