JNU PhD Admission: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पीएचडी में दाखिला लेने की प्रक्रिया में बदलाव होने की संभावना है। दरअसल, अब तक जेएनयू में पीएचडी एडमिशन के लिए एनटीए की ओर से आयोजित कराई जाने वाली प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है, लेकिन अब जेएनयू प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि अपनी प्रवेश परीक्षा अलग से आयोजित कराई जाए। हालांकि पहले जेएनयू में इसी प्रक्रिया के तहत एडमिशन होते थे।

इन-हाउस प्रवेश परीक्षा शुरू कर सकता है JNU

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) पीएचडी प्रवेश के लिए अपनी इन-हाउस प्रवेश परीक्षाओं को फिर से आयोजित कराने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो जेएनयू पीएचडी में दाखिले के लिए एनटीए की प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी जो कि एक आउटसोर्स एजेंसी है। अब तक स्टूडेंट्स को यूजीसी नेट की परीक्षा पास करके जेएनयू पीएचडी में दाखिला मिल रहा था।

पेपर लीक और परीक्षाओं के रिजल्ट में गड़बड़ी से उठने लगी मांग

रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया कि जेएनयू अपनी खुद की प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर विचार कर रहा है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि इस तरह के विचार चल रहे हैं। पिछले साल से ही शिक्षकों और छात्रों ने एनटीए द्वारा संचालित परीक्षा में आने वाली समस्याओं को उजागर किया था, लेकिन इस साल पेपर लीक और परीक्षाओं के रिजल्ट में आ रही गड़बड़ियों ने एनटीए की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए।

अलग से परीक्षा कराने के सपोर्ट में जेएनयूटीए

जानकारी के मुताबिक, जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री डी पंडित ने पीएचडी में एडमिशन के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने को लेकर चर्चा 3 जुलाई से शुरू कर दी है। इस विषय पर विचार विमर्श किया जा रहा है और शिक्षकों से चर्चा की जा रही है। अलग से एंट्रेंस आयोजित कराने पर जेएनयू शिक्षक संघ सहमत है। जेएनयू पीएचडी में एडमिशन के लिए पिछले तीन साल से एनटीए ही कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करा रही थी।