भारतीय छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई करने का जो पसंदीदा देश है वह संयुक्त राज्य अमेरिका है। वहां की टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का सपना सबसे अधिक भारतीय छात्र ही देखते हैं। इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस वहां के सबसे पॉपुलस कोर्स हैं। यूएस में विदेशी छात्रों की संख्या 11 लाख से भी ज्यादा है। अमेरिका में भारतीय छात्र सबसे अधिक साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स से जुड़ी पढ़ाई के लिए ही जाते हैं। यही वजह है कि अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीयों की संख्या हर साल बढ़ती है, लेकिन कुछ आंकड़े चौंकाने वाले सामने आए हैं।
इंजीनियरिंग में कम दिलचस्पी दिखा रहे छात्र
अमेरिका में स्टडी करने वाले विदेशी छात्रों के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीयों की संख्या करीब 29.4 फीसदी है। अमेरिका में यह देखा जा रहा है कि समय के साथ कम भारतीय छात्र इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में दाखिला लेना चुन रहे हैं। इंजीनियरिंग कोर्स में नामांकन 24.5 फीसदी तक गिर गए हैं। साथ ही, कंप्यूटर साइंस और गणित में दाखिला 42.9 फीसदी तक बढ़ गया है।
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ऑप्शनल कोर्स को चुन रहे छात्र
इस गिरावट के बाद भी इंजीनियरिंग अभी भी एक लोकप्रिय इंडस्ट्री है। भारतीय स्टूडेंट योग्य श्रमिकों की बढ़ती आवश्यकता के जवाब में वैकल्पिक पाठ्यक्रम लेना चुन रहे हैं जो प्रौद्योगिकी को कॉर्पोरेट रणनीति, डिजाइन सोच और नीति निर्माण के साथ जोड़ सकते हैं। ब्लॉकचेन, एआई और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उदय इस बदलती नौकरी की तस्वीर में योगदान देने वाला एक और कारक है।
गणित और कंप्यूटर साइंस अधिक लोकप्रिय
बता दें कि इंजीनियरिंग इन तकनीकों द्वारा बनाए जा रहे नए रोजगार अवसरों को पर्याप्त रूप से पूरा नहीं कर सकती। यह भारतीयों को विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित करता है जो रोजगार के कई विकल्प प्रदान करते हैं। हाल के वर्षों में गणित और कंप्यूटर साइंस अधिक लोकप्रिय विषय बन गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा और फाइनेंस जैसे उद्योगों में नए करियर की संभावनाएं पैदा हुई हैं।