इशिता रॉय

IIT Students: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में हाल ही में हुई आत्महत्याओं और स्टूडेंट्स के बीच में पढ़ाई छोड़ने को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चिंता जताई है। राष्ट्रपति ने छात्रों को समर्थन और सहानूभुति देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को तनाव, अपमान, भेदभाव से बचाना होगा। साथ ही उन्हें उचित मार्गदर्शन देना सभी शैक्षणिक संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि यह छात्र ही इन संस्थानों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करते हैं।

राष्ट्रपति ने दिल्ली आईआईटी के छात्र की आत्महत्या पर चिंता व्यक्त की। जिसने शनिवार को उदयगिरी हॉस्टल में पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी थी। मुर्मू ने कहा कि ऐसे घटनाएं अन्य अन्य शिक्षण संस्थानों में भी हो रही हैं। जो हम सबके लिए गंभीर विषय है।

बता दें, IIT दिल्ली में चौथे वर्ष के बी.टेक छात्र ने शनिवार को सुसाइड कर लिया था। स्टूडेंट ने उदयगिरी हॉस्टल में पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। मृतक छात्र की पहचान 23 साल के आयुष के रूप में हुई थी, जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का रहने वाला था। मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि छात्र पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित रहता था और उसको शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने में समस्या हो रही थी। इस साल इंजीनियरिंग छात्र की खुदकुशी का यह 5वां मामला है।

IIT छोड़ने वाले आधे छात्र आरक्षित श्रेणी के

राष्ट्रपति भवन में विजिटर्स कॉन्फ्रेंस 2023 को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में आईआईटी के 2,500 छात्रों ने शैक्षणिक सत्र के बीच में पढ़ाई छोड़ दी। जिसमें आधे छात्र आरक्षित श्रेणी से थे।

शिक्षक-संस्थानों को छात्रों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में सभी के लिए चिंता का विषय है। अपने परिसरों में तनाव, अपमान या उपेक्षा के खिलाफ अपने छात्रों की रक्षा और समर्थन करना एकेडमिक इंस्टिट्यूशन की प्राथमिकता होनी चाहिए। एक समझदार और उत्तरदायी प्रमुख के रूप में एक परिवार के सभी प्रमुखों, शिक्षकों और संस्थानों के कर्मचारियों को छात्रों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप छात्रों के मार्गदर्शक और अभिभावक दोनों हैं। संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों का यह प्रयास होना चाहिए कि वे छात्रों को उनके घर जैसा सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण दें।

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का किया जिक्र

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 पर मुर्मू ने कहा कि यह शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षा में विश्वास करता है। सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों के छात्रों के लिए न्यायसंगत और समावेशी उच्च शिक्षा प्रदान करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने अमृत काल में भारत के वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनने के लक्ष्य पर भी जोर दिया। मुर्मू ने कहा कि एनईपी 2020 स्पष्ट रूप से कहता है कि प्रभावी शासन और नेतृत्व शैक्षणिक संस्थानों में सांस्कृतिक, उत्कृष्टता और नवाचार को सक्षम बनाता है।