देश के तमाम बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों में IIT प्लेसमेंट का प्रोसेस दिसंबर में शुरू होगा। इस बार प्लेसमेंट सेशन में कई जरूरी बदलाव देखने को मिलेंगे हालांकि पिछले साल की तरह इस बार भी आईटी सेक्टर की कंपनियां यहां के छात्रों में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रही है जिससे इस सेक्टर में कम हायरिंग का अनुमान लगाया जा रहा है। प्लेसमेंट की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से भले दिसंबर में शुरू होगी, लेकिन इसकी शुरुआत जुलाई 2024 में रिजल्ट के बाद से ही हो गई थी।

अगले कुछ सालों में आईआईटी में शामिल होने की योजना बना रहे छात्रों के लिए एक बार प्लेसमेंट की प्रक्रिया को जान लेना भी बहुत जरूरी है यहां इस आर्टिकल में हम एक तरह से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।

कब शुरू होती है प्लेसमेंट प्रक्रिया?

प्लेसमेंट का सीजन 1 दिसंबर से शुरू होता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया जुलाई में ही शुरू हो जाती है। आईआईटी संस्थान जुलाई से कंपनी ऑनबोर्डिंग शुरू करते हैं, जिसके बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह में छात्र पंजीकरण करते हैं। जब यह प्रक्रिया चल रही होती है, तो छात्रों को अपना रिज्यूमे जमा करने के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह की समय सीमा दी जाती है।

रिज्यूमे जमा करने के बाद क्या होता है?

इसके बाद, सितंबर के पहले सप्ताह में प्री-प्लेसमेंट टॉक (पीपीटी) शुरू होती है। प्री-प्लेसमेंट टॉक (पीपीटी) देने में रुचि रखने वाला कोई भी रिक्रूटर संबंधित विवरण के साथ प्लेसमेंट-इन-चार्ज को अनुरोध भेज सकता है। कुछ आईआईटी जैसे कि आईआईटी कानपुर में, किसी कंपनी द्वारा दिए जाने वाले प्री-प्लेसमेंट टॉक (पीपीटी) में भाग लेना उन छात्रों के लिए अनिवार्य है, जिन्होंने उस विशेष कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया है।

कंपनियां PPT के लिए IIT कैंपस का भी दौरा करती हैं। सितंबर मिड पर प्री-प्लेसमेंट ऑफ़र (PPO) जारी करने की समय सीमा होती है और सितंबर के अंतिम सप्ताह में परीक्षाएं शुरू हो जाती हैं और 1 दिसंबर से आखिरी राउंड जो कि इंटरव्यू होता है वह शुरू हो जाता है।

यह है IIT प्लेसमेंट का प्रोसेस

प्लेसमेंट ऑफिस की ओर से कंपनियों के लिए पॉइंट ऑफ कॉन्टैक्ट नियुक्त किया जाता है और फिर संस्थान को इन्विटेशन को भेजा जाता है।

जो भी उम्मीदवार भर्ती में रूचि रखते हैं वह IIT पोर्टल पर जाकर अपना अकाउंट बना सकते हैं। वहां अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करें और फिर जिस कंपनी के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं उसके अनुसार उसका भुगतान करें।

इसके बाद रिक्रूटर प्लेसमेंट ऑफिस की ओर से जॉब्स और इंटर्नशिप के लिए अधिसूचना जारी करते हैं। इसमें नौकरी का विवरण (पारिश्रमिक विवरण और कोई अन्य अस्पष्ट जानकारी) कार्यकारी अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाता है।

वेरिफिकेशन होने के बाद प्लेसमेंट ऑफिस द्वारा तय की गई तिथियों के अनुसार छात्रों को नौकरी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाती है।

इच्छुक छात्र किसी कंपनी की नौकरी के लिए आवेदन करके उसकी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। कंपनियां भी इच्छुक छात्रों के बायोडाटा देख सकती हैं और अपने ऑनलाइन अकाउंट का उपयोग करके छात्रों को शॉर्टलिस्ट कर सकती हैं।

कंपनियां प्लेसमेंट ऑफिस के साथ समन्वय में शेड्यूल को अंतिम रूप देने के बाद अपने टेस्ट/स्क्रीनिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती हैं।

कंपनियां फाइनल इंटरव्यू प्रक्रिया के लिए सेलेक्टेड छात्रों को शॉर्टलिस्ट करती हैं।

प्लेसमेंट ऑफिस कंपनियों द्वारा दिए गए विभिन्न विवरणों के आधार पर कैंपस इंटरव्यू के लिए ऑर्गनाइजेशन को तिथियां आवंटित करती हैं। संगठन प्लेसमेंट ऑफिस के साथ तिथियों की पुष्टि करता है।

संगठन अपने साक्षात्कार स्लॉट के अंत में छात्रों की सूची प्रदान करते हैं, जिन्हें वे ऑफर दे रहे हैं। प्लेसमेंट ऑफिस सेलेक्टेड छात्रों की स्वीकृति के साथ संगठन को सूचित करता है।

संगठन द्वारा नौकरी की जानकारी के साथ शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवार को ऑफर लेटर दिया जाता है।